🪔 विवाह पंचमी वह पावन तिथि है, जिस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का दिव्य विवाह संपन्न हुआ था। यह दिन मर्यादा, धर्म, भक्ति और आदर्श दांपत्य के प्रतीक रूप में मनाया जाता है। जीवन में कई बार ऐसे लोग, ऐसे रिश्ते दूर होते चले जाते हैं, जिन्हें हम अपने मन-मंदिर में सजाना चाहते हैं। उनके साथ पूरा जीवन या कहें, 7 जन्म रहना चाहते हैं। एक आदर्श जीवनसाथी की तलाश, सिर्फ एक तलाश बनकर रह जाती है। ऐसे में आध्यात्मिक साधना के साथ मंगलदेव को प्रसन्न करने से वर्षों की कामनाएं पूरी हो सकती हैं। मंगलदेव रिश्तों में ‘मंगल’ फल का आशीष देते हैं, जिससे आपसी रिश्ते, बेहतर तालमेल और अच्छे जीवनसाथी की चाहत पूरी हो सकती है। इस मंगलवार उज्जैन के प्राचीन मंगलनाथ महादेव मंदिर में 7,000 मंगल बीज मंत्र जाप हवन और शनि तिल तेल अभिषेक होने जा रहा है, जो किसी स्वर्णिम अवसर से कम नहीं है।
7,000 मंगल बीज मंत्र जाप हवन और शनि तिल तेल अभिषेक एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से रिश्तों में संघर्ष, अस्थिरता, रुकावटों और वैवाहिक तनाव को संतुलित करने के लिए किया जाता है। मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस और निर्णय शक्ति का कारक है, जबकि शनिदेव, ग्रह कर्म, धैर्य और स्थिरता की दिशा दिखाते हैं। जब ये दोनों ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं या ‘मंगल दोष’ एवं ‘शनि प्रभाव’ बढ़ जाता है, तब यह अनुष्ठान संतुलन ला सकता है। इस महापूजा से जीवन में वैवाहिक अड़चनें शांत होती हैं और वर्षों की दबी इच्छा पूरी हो सकती है।
उज्जैन का श्री मंगलनाथ मंदिर वह पवित्र स्थान है, जहां मंगल देवता का जन्मस्थान माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह ऊर्जा, निर्णय क्षमता और वैवाहिक जीवन की सामंजस्य शक्ति का प्रतीक है, जबकि शनि, धैर्य, स्थिरता और जीवन की परीक्षाओं के संतुलन के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। जब कुंडली में मंगल और शनि के दोष बढ़ जाते हैं, तो विवाह में बार-बार विलंब, रिश्तों में अनबन, मतभेद, या उचित जीवनसाथी न मिलने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसीलिए, यह अनुष्ठान मंगलवार को विवाह पंचमी के संयोग में होने जा रहा है, जिसका फल सामान्य से कई गुना ज्यादा मिल सकता है।
🌺 श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रहे इस अनुष्ठान से परिवार में शांति, रिश्तों में प्रेम-सौहार्द, सही जीवनसाथी के चयन का अवसर मिलने की भी मान्यता है।