🔮क्या आर्द्रा नक्षत्र आंतरिक अशांति पैदा कर रहा है? दुर्लभ पैठाणी मंदिर में 18,000 मंत्र जाप और हवन से राहु को प्रसन्न करें
राहु द्वारा शासित आर्द्रा नक्षत्र को भावनात्मक हलचल, बेचैनी और अचानक जीवन में बदलाव लाने वाला माना जाता है। अगर आप हाल ही में चिंता, जल्दीबाज़ी में लिए गए फैसलों या बिना किसी स्पष्ट कारण के असफलताओं का सामना कर रहे हैं, तो इसके पीछे आर्द्रा नक्षत्र में राहु की मज़बूत पकड़ हो सकती है। वैदिक ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है यह अदृश्य होते हुए भी बहुत शक्तिशाली होता है। इसकी गलत स्थिति मानसिक तनाव, उलझन भरे फैसले, रिश्तों में खटास और कभी-कभी समाज में बदनामी तक ला सकती है। लेकिन जब राहु को सही ढंग से शांत किया जाता है, तो यह बुद्धिमत्ता, नाम और अनोखे रास्तों में सफलता देने वाला ग्रह बन जाता है। खासकर आर्द्रा नक्षत्र के समय, प्राचीन शास्त्रों में राहु को शांत करने के उपाय बताए गए हैं जिनमें सबसे प्रभावी माने जाते हैं राहु मूल मंत्र का जाप और दशांश हवन।
उत्तराखंड के पौड़ी ज़िले में स्थित पैठाणी राहु मंदिर इस अवसर पर विशेष महत्व रखता है। यह भारत के कुछ चुनिंदा राहु मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय, जब असुर स्वरभानु ने अमृत पी लिया था, तो भगवान विष्णु ने उसका सिर काट दिया। वह सिर राहु बना, और कहा जाता है कि जहाँ वह सिर गिरा, वहीं यह मंदिर बना। यहाँ राहु की बिना सिर वाली दुर्लभ मूर्ति भगवान शिव के साथ स्थापित है। आर्द्रा नक्षत्र के दौरान यहां पूजा करने से राहु की शांति और आध्यात्मिक उपचार की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति को भ्रम, डर और कर्म की रुकावटों से राहत मिलती है और जीवन को एक नई दिशा और शांति का अनुभव होता है।
इस आर्द्रा नक्षत्र पर, श्री मंदिर एक विशेष राहु शांति पूजा का आयोजन कर रहा है, जिसमें शामिल हैं:
🔹 18,000 राहु मूल मंत्र जाप
🔹 पवित्र पैठाणी मंदिर में दशांश हवन
इस पूजा में भाग लेने से राहु के असर को कम करने, मन को शांत करने और लंबे समय से चल रही कर्म उलझनों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है जिससे जीवन की अराजकता शांति में और उलझन स्पष्टता में बदल सकती है।