✨ धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के शुभ दिनों में 3 शक्तिपीठ और 2 सिद्ध तीर्थों की शक्ति के साथ विशेष अनुष्ठान होने जा रहा है, जो इस साल का सुनहरा अवसर है। 5 दिवसीय इस अनुष्ठान में मां ललिता, मां काली और मां लक्ष्मी, गोवर्धन महाराज और यमदेव की महापूजा से भक्तों के जीवन में धन, समृद्धि और पारिवारिक सुरक्षा का दैवीय आशीष मिल सकता है। शास्त्रों के अनुसार, इन पांचों दिनों की संयुक्त साधना से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होती हैं और घर में समृद्धि, सौभाग्य के साथ शांति और सामंजस्य को बढ़ावा मिलता है। महाशक्ति की कृपा, गोवर्धन महाराज के आशीष और यमदेव की शुभ दृष्टि के साथ यह 5 दिवसीय 24 प्रहर पूजा धन लाभ और जीवन में नए बदलावों की दिशा दिखा सकती है।
🪔 3 शक्तिपीठ और 2 सिद्ध तीर्थ:
धनतेरस: धनतेरस के शुभ अवसर पर कालीघाट शक्तिपीठ में मां काली की विशेष पूजा संपन्न होगी। मां काली की आराधना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सौभाग्य, धन और आत्मबल की दिशा मिलती है। यह अनुष्ठान दिवाली की शुभ शुरुआत मानी गई है।
नरक चतुर्दशी: नरक चतुर्दशी पर मां ललिता त्रिपुरसुंदरी की पूजा से जीवन के सभी दोषों और नकारात्मक ऊर्जाओं का शुद्धिकरण संभव है। मां ललिता की कृपा से सौंदर्य, समृद्धि और आत्मिक मजबूती का आशीष मिलता है।
दीपावली: दिवाली पर महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ में मां लक्ष्मी की विशेष राजोपचार पूजा संपन्न की जाती है। मान्यता है कि दिव्य काल में की गई इस आराधना से घर में धन, सौभाग्य और सुख-समृद्धि का वास होता है।
दीयों की ज्योति और मंत्रों के संग यह पूजा जीवन में नई रोशनी ला सकती है।
गोवर्धन पूजा: दिवाली के दूसरे दिन इस पूजा का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाने की लीला का स्मरण करते हुए गोवर्धन पर्वत की पूजा और अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है।
भाई दूज: यमुना के भाई यमराज की ‘भाई दूज’ पर पूजा का ख़ास महत्व है। मथुरा स्थित धर्मराज यमराज मंदिर में यह अनुष्ठान किया जाएगा। यह मंदिर मथुरा के विश्राम घाट पर है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था।
🪔 5 दिन लगातार चलने वाला दिवाली महा उत्सव एक दुर्लभ साधना है, जिसमें दिन-रात निरंतर मां लक्ष्मी, मां काली, मां ललिता त्रिपुरसुंदरी, गोवर्धन और यमराज की आराधना की जाएगी। इस अखंड अनुष्ठान में दीप, मंत्र और देवी मां के साथ गोवर्धन महाराज की दिव्य ऊर्जा से संपूर्ण वातावरण आलोकित होता है। माना जाता है कि इस साधना से जीवन के अंधकार, दरिद्रता और विघ्नों का नाश संभव है और भक्तों को धन, सौभाग्य और आध्यात्मिक शांति के साथ दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।
✨ श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रहे भव्य 5 दिवसीय दिवाली महा उत्सव में भाग लें और समृद्धि और महाशक्तियों का दैवीय आशीर्वाद पाएं।