🔱 सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे पवित्र और शुभ दिन माना गया है। ‘देवों के देव’ महादेव वो हैं, जो अपने भक्तों के दुःखों को अपने भीतर समाहित कर उन्हें शांति-स्थिरता में बदल सकते हैं। इस दिन भगवान शिव की आराधना और अभिषेक करने से भक्त अपनी गहन भक्ति व्यक्त करते हैं और अपने घर, परिवार और जीवन के हर मोड़ पर दिव्य संरक्षण की कामना करते हैं। यह वह समय होता है, जब व्यक्ति अपनी चिंताओं और दुःखों को भगवान को समर्पित कर, अपनी आस्था को नए स्तर पर ले जाता है और भगवान शिव की उपस्थिति से जीवन में स्पष्टता, संतुलन और असमय मृत्यु से दैवीय रक्षा का अनुभव होता है।
🔱 गृहस्थ जीवन में शांति, स्थिरता और आरोग्यता की प्राप्ति के लिए श्री मंदिर द्वारा घृष्णेश्व जैसे पवित्र शिव धाम में 1008 महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक का आयोजन हो रहा है। यह पवित्र तीर्थ स्थल अपनी प्रबल आध्यात्मिक ऊर्जा, उपचार शक्ति और अटूट भक्ति के लिए प्रसिद्ध है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, घुष्मा नामक एक परम महिला भक्त ने अपनी अखंड श्रद्धा और कठोर तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने यहीं प्रकट हुए और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हुए। ऐसा माना जाता है कि इस पावन स्थल पर महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक के संगम से नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद और गंभीर बीमारियों का निवारण संभव है।
🔱 महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसे मृत्यु पर विजय दिलाने वाला कहा गया है। विद्वान पुरोहितों द्वारा 1,008 महामृत्युंजय जाप से भक्तों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हो सकती है। यह मंत्र भय, रोग और अकाल मृत्यु के संकटों से रक्षा करने की शक्ति रखता है। साथ ही इस पवित्र अनुष्ठान में शिवलिंग का अभिषेक भगवान शिव के प्रिय द्रव्यों- जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से किया जाएगा। इसके साथ वैदिक मंत्रोच्चार और हवन का आयोजन भी संपन्न किया जाता है। यह पूजा जीवन में शक्ति, स्थिरता, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उपचार का संचार करती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं, बुरी दृष्टि से रक्षा मिलती है और शारीरिक एवं मानसिक आरोग्यता के द्वार खुलते हैं।
🙏 श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग पर इस विशेष महामृत्युंजय-रुद्राभिषेक अनुष्ठान में शामिल होकर अकाल मृत्यु, गंभीर बीमारी और जीवन के खतरों से सुरक्षा का आशीष पाएं।