🪔 कई बार पूरी मेहनत और प्रयासों के बावजूद सफलता का मार्ग ठहरा हुआ महसूस होता है। आर्थिक परेशानियाँ खत्म नहीं होतीं और अवसर हाथ से निकलते जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, सच्ची समृद्धि केवल धन की प्राप्ति नहीं है, बल्कि 3 दिव्य शक्तियों का आशीर्वाद इसमें शामिल है। विघ्नों को दूर करने की शक्ति (भगवान श्री गणेश), धन वर्षा करने वाली शक्ति (माँ लक्ष्मी) और धन को सही दिशा में उपयोग करने की बुद्धि दात्री (माँ सरस्वती) का दिव्य अनुष्ठान होने जा रहा है। धनतेरस से दिवाली तक यह 3 दिवसीय पूजा इस साल का सबसे शक्तिशाली अवसर है। जीवन में इन तीनों ऊर्जाओं का आमंत्रण कर अदृश्य विघ्नों और बाधाओं को जड़ से दूर किया जा सकता है।
🪔 शास्त्रों में इन तीनों देवताओं के गहरे संबंध का उल्लेख मिलता है। कहा गया है कि जब माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं, तब भगवान विष्णु ने उनसे अनुरोध किया कि वे भगवान गणेश को अपना पुत्र स्वीकार करें। इसका अर्थ यह है कि “शुभ” (गणेश) हमेशा “लाभ” (लक्ष्मी) से पहले आना चाहिए — क्योंकि जहाँ बुद्धि और संतुलन होता है, वहीं धन स्थायी और मंगलकारी रूप लेता है। इसलिए, जब धनतेरस पर श्री गणेश महापूजा, नरक चतुर्दशी पर महालक्ष्मी राजोपचार महापूजा और दिवाली पर सरस्वती महापूजा की जाती है, तो यह पूर्ण समृद्धि का दिव्य क्रम स्थापित कर सकता है — जिससे जीवन में आने वाला धन स्थिर और फलदायी रहता है।
3 दिन, 3 शक्तियां:
धनतेरस | गणेश महापूजा: कोल्हापुर के महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ में गणेश पूजा के साथ त्योहार की शुरुआत होती है, जो जीवन के सभी विघ्नों से राहत के लिए की जाती है।
नरक चतुर्दशी | महालक्ष्मी राजोपचार महापूजा: इस दिन माँ महालक्ष्मी को 16 राजसी उपहार अर्पित किए जाते हैं, जो भक्ति और सम्मान की चरम अभिव्यक्ति माने गए हैं।
दिवाली | सरस्वती महापूजा: अंतिम दिन मां सरस्वती के बीज मंत्र जाप और दीपदान किया जाएगा, जो ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का प्रतीक माना गया है।
🪔 श्री मंदिर द्वारा 3 दिवसीय धनतेरस से दिवाली तक: महालक्ष्मी राजोपचार महापूजा में भाग लें और जीवन में धन, वैभव और पारिवारिक खुशहाली के द्वार खोलें 🪔