क्या आप कर्ज तले दबते जा रहे हैं? 😞📉
🕉️ भगवान शिव से पाएं बढ़ते कर्ज और अनियंत्रित खर्चों पर नियंत्रण पाने का आशीष🔱🙏
सनातन धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है। ठीक उसी प्रकार, सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्त बढ़ते कर्ज और अनियंत्रित खर्चों पर नियंत्रण पाने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में कर्ज, बढ़ते खर्च और नौकरी में असफलता जैसी समस्याएँ कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण उत्पन्न होती हैं। मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से मंगल के इन नकारात्मक प्रभावों को शांत किया जा सकता है, क्योंकि कई पौराणिक कथाओं में यह वर्णन मिलता है कि मंगल ग्रह की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के पसीने से हुई थी। इसलिए, भगवान शिव के आह्वान से मंगल के अशुभ प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है। शास्त्रों में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और मंगल के बुरे प्रभावों से मुक्ति के लिए विश्वनाथ मंगल स्तोत्र, मंगलनाथ रुद्राभिषेक एवं ऋण मुक्ति शिव हवन को अत्यंत प्रभावी और फलदायी अनुष्ठान माना गया है।
दरअसल "विश्वनाथ मंगल स्तोत्र" संस्कृत में रचित एक दिव्य स्तोत्र है, जो काशी विश्वनाथ के रूप में भगवान शिव को समर्पित है। इसकी रचना श्री स्वामी महेश्वरानंद जी ने की थी और इसके श्लोक ग्यारह खंडों में विभाजित हैं। वहीं, "ऋण मुक्ति शिव हवन" एक विशेष अग्नि अनुष्ठान है, जिसमें भगवान शिव के पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है। माना जाता है कि यदि इन दोनों अनुष्ठानों के साथ "मंगलनाथ रुद्राभिषेक" किया जाए, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। "मंगलनाथ रुद्राभिषेक" में रुद्र रूपी शिवलिंग का पवित्र जल, दूध, शहद और अन्य सामग्रियों से मंत्रोच्चारण सहित अभिषेक किया जाता है। "रुद्राष्टाध्यायी" के अनुसार, शिव के रुद्र रूप की पूजा सभी कष्टों और बाधाओं को शीघ्र समाप्त कर देती है। इस अनुष्ठान का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है, जब इसे मंगलनाथ महादेव मंदिर में किया जाए, क्योंकि "मत्स्य पुराण" के अनुसार, उज्जैन को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना गया है। साथ ही, मंगल ग्रह को भगवान शिव और पृथ्वी का पुत्र भी बताया गया है। इसीलिए, इस मंदिर में मंगल की उपासना भगवान शिव के रूप में की जाती है। यदि आप भी कर्ज और अनियंत्रित खर्चों से परेशान हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव की दिव्य कृपा प्राप्त करें।