भाई और बहन का रिश्ता प्यार, भरोसे और सच्चे स्नेह से भरा होता है। हर बहन अपने भाई की सुरक्षा, सुख और लंबी उम्र के लिए दिल से प्रार्थना करती है। यही सच्ची भावना भाई के जीवन में एक अदृश्य सुरक्षा कवच बन जाती है। कहा जाता है कि भाई दूज का त्योहार इसी भावना से जुड़ा है, जब देवी यमुना ने अपने भाई भगवान यमराज की भलाई के लिए प्रार्थना की थी। इस दिन की गई पूजा भाई को हर तरह के भय और संकट से मुक्त करने वाली मानी जाती है।
कहानी के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भगवान यमराज अपनी बहन देवी यमुना से मिलने आए थे। देवी यमुना ने प्रेम से उनका स्वागत किया, आरती उतारी और माथे पर तिलक लगाया। बहन के स्नेह से प्रसन्न होकर भगवान यमराज ने वरदान दिया कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, वह अकाल मृत्यु के भय से मुक्त रहेगा। तभी से यह दिन भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा का प्रतीक बन गया।
यह पवित्र पूजा मथुरा में उसी स्थान पर की जाती है, जहाँ यह दिव्य घटना घटी थी। यहाँ भगवान धर्मराज और माँ यमुना की कृपा पाने के लिए 21,000 मूल मंत्रों का जाप, पवित्र यमुना जल से अभिषेक और भाई दूज टीकाकरण पूजा की जाती है। यह पूजा भाई-बहन के पवित्र प्रेम और देवी यमुना के वचन से सीधे जुड़ी मानी जाती है।
✨ आप भी इस पवित्र अनुष्ठान से जुड़कर श्री मंदिर के माध्यम से अपने भाई के जीवन में सुख, सुरक्षा और दीर्घायु की मंगलकामना कर सकते हैं। 🙏💫