✨ सनातन धर्म में शनिवार के अनुष्ठान, शनिदेव की कृपा पाने के लिए अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं। शनि महापूजा जब शनिवार की ऊर्जा से जुड़ती है तो गहरे कर्म शुद्धिकरण के द्वार खुलते हैं। जो लोग साल 2026 की शुरुआत में उनकी आराधना नहीं कर पाए, वे इस पूजा में भाग लेकर शनिदेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस विशेष शनिवार को 21 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा होने जा रहा सामूहिक जाप, आध्यात्मिक ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देता है, जिससे बाधाओं से रक्षा, कष्टों से राहत और कर्म दोषों की शांति मिल सकती है।
🌑 इस शनिवार के दिव्य काल में 23,000 शनि मूल मंत्र जाप शनि दोष और भारी ग्रह प्रभावों को शांत करने के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। उज्जैन के नवग्रह शनि मंदिर में 21 ब्राह्मणों द्वारा एक साथ संकल्प लेकर किया गया यह जाप करियर में रुकावट, व्यापार में ठहराव, मानसिक अशांति और बार-बार आने वाली परेशानियों से राहत दिलाने में सहायक माना गया है। विद्वान मानते हैं कि शनिवार को किया गया मंत्र जाप शनि के कठोर प्रभावों को धीरे-धीरे शांत करता है और जीवन में संतुलन, अनुशासन और प्रगति के द्वार खोलता है।
📿 इसके साथ ही 1008 हनुमान अष्टक पाठ, जिसे वही 21 ब्राह्मण श्रद्धा से करते हैं, पूजा में एक मजबूत सुरक्षा कवच तैयार करता है। हनुमान जी, भय हरने वाले, आंतरिक शक्ति देने वाले और संकटों से रक्षा करने वाले ‘कलियुग के वीर’ हैं। शनिवार को संकट मोचन हनुमान अष्टक का पाठ चिंता, मानसिक भारीपन और छिपी नकारात्मकता को दूर कर साहस और मानसिक स्थिरता देता है।
🍃 इस संयुक्त पूजा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि मान्यता है कि हनुमान जी ने एक बार रावण की कैद से शनिदेव को मुक्त कराया था। तभी से शनिदेव हनुमान जी के भक्तों को विशेष संरक्षण देते हैं। इसलिए, शनिवार को उज्जैन के नवग्रह शनि मंदिर में 21 ब्राह्मणों के मार्गदर्शन में किया गया यह द्वि-शक्ति अनुष्ठान शनि और अन्य ग्रहों से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने और जीवन में स्थिरता लाने का दुर्लभ अवसर माना जाता है।
✨ यदि आप नए साल के पहले शनिवार को पूजा नहीं कर पाए, तो श्री मंदिर के माध्यम से इस शनिवार भाग लेकर आप हनुमान जी और शनिदेव — दोनों का संयुक्त आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। 🙏