बगलामुखी जयंती पर 36 ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न दिव्य अनुष्ठान के साक्षी बनें और पाएं अद्भुत आशीर्वाद एवं सुरक्षा ✨🙏
माँ बगलामुखी और प्रत्यांगिरा की कृपा से प्राप्त करें शत्रुनाश की अद्भुत शक्ति और संकटों से मुक्ति का दिव्य वरदान ✨🙏
दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी, माँ बगलामुखी की जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन माँ ने हरिद्रा सरोवर से दिव्य रूप में प्रकट होकर सम्पूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में जब पृथ्वी पर जब मदन नाम के असुर ने हाहाकर मचा दिया था, तब भगवान विष्णु इस संकट का समाधान जानने भगवान शिव के पास पहुँचे। शिव ने बताया कि इस राक्षस का संहार केवल आदिशक्ति ही कर सकती हैं। भगवान विष्णु की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर श्रीविद्या ने माँ बगलामुखी के रूप में प्रकट होकर राक्षस का संहार करके समस्त प्राणियों की रक्षा की और पृथ्वी को विनाश से बचाया। तभी से बगलामुखी जयंती को माँ बगलामुखी की साधना के लिए सर्वोत्तम अवसर माना जाने लगा। तभी से माँ बगलामुखी की साधना को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि वे शत्रु नाश, संकट निवारण और दैवीय सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। विशेष रूप से बगलामुखी जयंती का दिन माँ बगलामुखी की अनुकंपा प्राप्त करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है।
माँ बगलामुखी की ही भाँति, माँ प्रत्यांगिरा देवी को भी आदिशक्ति का एक अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप माना जाता है, जो बुरी शक्तियों का नाश कर अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। यह भी मान्यता है कि माँ बगलामुखी जयंती के दिन, माँ बगलामुखी और माँ प्रत्यांगिरा की संयुक्त आराधना से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं। शास्त्रों में, इन दोनों महाविद्याओं की कृपा प्राप्त करने हेतु बगलामुखी-प्रत्यांगिरा कवच पाठ, 1,25,000 बगलामुखी मूल मंत्र जाप एवं हवन को सर्वाधिक प्रभावशाली अनुष्ठान माना गया है। कहा जाता है कि इस अनुष्ठान से भक्तों को शत्रुओं के विरुद्ध शक्ति, साहस एवं दैवीय सुरक्षा प्राप्त होती है। इसी उद्देश्य से, इस महानुष्ठान का आयोजन हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर में किया जा रहा है। इस पावन मंदिर के संदर्भ में यह विश्वास है कि यहाँ की गई साधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह अनुष्ठान और भी अधिक प्रभावशाली एवं फलदायी हो, इसी उद्देश्य से इसे 36 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा संपन्न किया जाएगा। आप भी माँ बगलामुखी जयंती के इस पवित्र अवसर पर, श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान का भाग बनें और माँ बगलामुखी एवं माँ प्रत्यांगिरा की कृपा से अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति व आशीर्वाद प्राप्त करें।