🤔 क्या आप अक्सर उलझन या नकारात्मक सोच से परेशान रहते हैं?
यह राहु और केतु का प्रभाव हो सकता है। वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है, और ये हमारे जीवन पर गहरा असर डालते हैं। ये ग्रह आध्यात्मिक विकास और कर्मों से जुड़े पाठ सिखाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अगर कुंडली में इनकी स्थिति सही न हो, तो ये जीवन में रुकावटें, भ्रम और देरी ला सकते हैं।
जब राहु और केतु अशुभ स्थिति में होते हैं, तो उनके प्रभाव कुछ इस तरह दिखते हैं:
🔹 सोच में भ्रम और निर्णय लेने में परेशानी
🔹 बिना कारण लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ
🔹 रिश्तों में तनाव और भावनात्मक अस्थिरता
🔹 करियर या निजी जीवन में बार-बार रुकावटें और असफलताएँ
ऐसा लगता है जैसे कोई अदृश्य शक्ति हमारे रास्ते में बार-बार बाधाएँ खड़ी कर रही हो। अगर आप भी ऐसी ही समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो यह विशेष पूजा राहु और केतु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने में मदद कर सकती है। इसलिए, 25,000 राहु-केतु मूल मंत्र जाप, दुर्गा द्वात्रिशत नाममाला और दुर्गा चंडी हवन का आयोजन 2 मई को किया जा रहा है। यह दिन खास इसलिए है क्योंकि यह आर्द्रा नक्षत्र (जो राहु से जुड़ा है) और शुक्रवार (शुक्र ग्रह का दिन) का संयोग लेकर आ रहा है। यह शुभ संयोग इस पूजा को और भी प्रभावशाली बनाता है। यह पूजा वैष्णो देवी जैसे पवित्र स्थान पर हो रही है, जो अपनी दिव्य ऊर्जा और मन की शांति देने वाली शक्ति के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि माँ वैष्णो देवी की कृपा से नकारात्मकता दूर होती है, भ्रम समाप्त होता है और मन को स्थिरता मिलती है।
इस पूजा के माध्यम से राहु-केतु की अशुभ ऊर्जा शांत होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। मंत्र और हवन के माध्यम से नकारात्मकता दूर होती है, स्पष्ट सोच आती है और व्यक्ति को नए रास्ते मिलते हैं। अगर आप भी उलझन, बीमारी या रिश्तों में तनाव से जूझ रहे हैं, तो यह पूजा आपके लिए सुरक्षा, शांति और दिव्य मार्गदर्शन का माध्यम बन सकती है।