🔱 क्या आपके रिश्ते में खटास आ गई है, विवाद बढ़ रहे हैं या पहले जैसी नज़दीकियां अब कम हो गई हैं?
✨अपने दांपत्य जीवन में सामंजस्य और प्रेम बनाए रखने के लिए इस नवरात्रि शिव और पार्वती की कृपा का आह्वान करें।
हर रिश्ते में कुछ अनदेखे बोझ रहते हैं। कभी पुराने मनमुटाव दूर नहीं हो पाते, कभी भावनात्मक दूरी बढ़ जाती है और कभी ऐसे घाव रह जाते हैं जो समय के साथ भी नहीं भरते। धीरे-धीरे यही बातें प्रेम और घर की शांति को खत्म करने लगती हैं। ऐसे समय में केवल मानवीय प्रयास पर्याप्त नहीं होते। महादेव-पार्वती का दिव्य आशीर्वाद ही वह शक्ति है, जो रिश्तों को फिर से जोड़ सकती है। सनातन में शिव और पार्वती जी का मिलन प्रेम, विश्वास और आपसी सम्मान का सर्वोच्च उदाहरण माना गया है। उनकी आराधना से नकारात्मकता दूर होती है, भावनात्मक निकटता बढ़ती है और पति-पत्नी के बीच सौहार्द फिर से लौट सकता है। इस पूजा के माध्यम से दंपति अपने जीवन में शांति और शिव–शक्ति के दिव्य मिलन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
🌸 नवरात्रि का सातवां दिन: शिव और पार्वती के दिव्य मिलन की आराधना
नवरात्रि के सातवें दिन काशी के श्री गौरी–केदारेश्वर महादेव मंदिर में शिव–पार्वती विवाह पूजन और अर्धनारीश्वर अभिषेक होगा। यह पूजन शिव और पार्वती के पवित्र मिलन की स्मृति में किया जाता है। लोग इसे अपने रिश्तों में प्रेम, विश्वास और शांति की भावना बनाए रखने के लिए करते हैं। काशी भगवान शिव की नगरी है, इसलिए यहाँ की गई पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस मंदिर में स्वयंभू अर्धनारीश्वर शिवलिंग स्थापित है, जो शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। मंदिर के पास स्थित गौरी कुंड को लेकर मान्यता है कि यहीं माता पार्वती ने भगवान शिव से एकाकार होने के लिए तपस्या की थी। यहाँ पूजा करने से रिश्तों में अपनापन और सौहार्द बढ़ाने की भावना को बल मिलता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस नवरात्रि पूजा में भाग लें और अपने जीवन में शिव और पार्वती के आशीर्वाद को आमंत्रित करें - ताकि आपके रिश्तों में सुधार हो, सामंजस्य हो और दिव्य प्रेम प्रवाहित हो।