🌑🙏 सोमवती अमावस्या का पावन दिन, जब शिव भक्ति से होती है हर बीमारी और संकट की समाप्ति 🕉️✨
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, और जब यह दिन अमावस्या के साथ आता है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह दुर्लभ और अत्यंत शक्तिशाली संयोग होता है। शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ दिन है। पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्र देव ने भी सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना महामृत्युंजय मंत्र के जाप द्वारा की थी, जिससे उन्हें असाध्य रोगों से मुक्ति मिली। आज भी महामृत्युंजय मंत्र को अच्छे स्वास्थ्य, रोगों से मुक्ति और जीवन की कठिनाइयों से राहत पाने के लिए सबसे प्रभावशाली माना जाता है।
इस दिन की दिव्य अनुभूति हेतु श्री मंदिर द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में विधिवत रुद्राभिषेक के साथ 11,000 महामृत्युंजय मंत्रों के जाप का आयोजन किया जा रहा है, जिसे भगवान शिव के आह्वान के लिए अत्यंत प्रभावशाली और फलदायी माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि रुद्राभिषेक एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली अनुष्ठान है, जिसमें शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद एवं पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। यह प्रक्रिया भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा को जाग्रत करती है, जिससे साधक को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक बल की प्राप्ति होती है। वहीं, 11,000 महामृत्युंजय मंत्रों के जाप से इस अनुष्ठान की प्रभावशीलता कई गुना बढ़ जाती है, और आराधक को स्वास्थ्य, सुरक्षा और संकटों से मुक्ति का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होती है जो बार-बार बीमार पड़ते हैं या जिनके जीवन में अनहोनी के योग बनते रहते हैं।
इसीलिए, सोमवती अमावस्या के इस शुभ अवसर पर श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में यह दिव्य अनुष्ठान सम्पन्न किया जा रहा है। यह न केवल एक पूजा है, बल्कि भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का एक पवित्र और अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। इस दुर्लभ संयोग को व्यर्थ न जाने दें। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और शिवजी की कृपा से अपने जीवन में स्वास्थ्य, सुरक्षा और आंतरिक शांति का अनुभव करें।
इस पुण्य दिन का लाभ उठाएं और अपने मन, शरीर और आत्मा को दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण करें।🙏