🔥✨ कौशिकी अमावस्या के दुर्लभ संयोग पर, शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर में हो रहा है प्रचंड सुरक्षा 🛡️ और करियर सफलता 💼 का दिव्य आह्वान 🙏🌸
अक्सर ऐसा होता है कि हम बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता हमारे हाथ से फिसल जाती है। करियर में अचानक अवसर रुक जाते हैं या शत्रु और नकारात्मक शक्तियाँ रास्ता रोक लेती हैं। ऐसे समय में मन में डर और असुरक्षा बढ़ जाती है। तब केवल प्रयास ही नहीं, बल्कि देवी की शक्ति और उनकी कृपा भी आवश्यक हो जाती है। इसी कारण कौशिकी अमावस्या का दिन अत्यंत विशेष माना गया है। मान्यता है कि इसी दिन देवी कौशिकी प्रकट हुईं और शुंभ–निशुंभ जैसे असुरों का संहार कर दैवीय संतुलन स्थापित किया। इस दिन देवी की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और साधक को साहस, शक्ति तथा सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
इस अमावस्या पर माँ काली और माँ तारा की आराधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। माँ काली का स्वरूप दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाला है, जबकि माँ तारा करुणामयी होने के साथ प्रचंड रक्षिका भी हैं। वे भक्तों को शांति और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं तथा ऐसी शक्ति देती हैं जिससे जीवन और करियर की कठिन बाधाओं का सामना किया जा सके। इस दिव्य कृपा के लिए पश्चिम बंगाल का तारापीठ विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि यहां माँ सती की आँखें गिरी थीं, इसी कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में पूजित है और स्वयं में दिव्य तथा सिद्ध माना जाता है। यही कारण है कि यहाँ की गई साधना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है, और अमावस्या जैसे पावन संयोग पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी पावन धरा पर श्रीमंदिर द्वारा कौशिकी अमावस्या के विशेष अवसर पर माँ काली माँ तारा सिद्धि महायज्ञ एवं नवचंडी हवन का आयोजन हो रहा है।
इसे केवल पूजा न मानकर एक साधना का अवसर माना जाता है, जहाँ साधक माँ काली की शक्ति और माँ तारा की करुणा का स्मरण करता है। नवचंडी हवन की सामूहिक ऊर्जा से साधक के मन को शांति, साहस और सकारात्मकता का अनुभव कराने वाली मानी जाती है। यह अनुष्ठान माँ कौशिकी, माँ काली और माँ तारा की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। मान्यता है कि उनकी आराधना से जीवन की बाधाएँ हल्की होती हैं और साधक को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल सकती है। यही कारण है कि कौशिकी अमावस्या पर तारापीठ में होने वाला यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो अपने जीवन में दैवीय संरक्षण और आंतरिक शक्ति की तलाश करते हैं, तो देर न करें श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान के पुण्य के भागी बनें।