✨ कभी-कभी कड़ी मेहनत के बावजूद आर्थिक स्थिरता हाथ नहीं आती। व्यापार में रुकावटें बनी रहती हैं, और अचानक खर्च बढ़ जाते हैं। हमारे शास्त्र बताते हैं कि ऐसी कठिनाइयों को दूर करने के लिए मां महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना सबसे बड़ा उपाय है। मां लक्ष्मी धन, सौभाग्य और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। जब उनकी उपासना विशेष और शुभ दिनों पर की जाती है, तब सुख-समृद्धि के बंद द्वार खुलने शुरू हो जाते हैं। इस वर्ष भक्तों के लिए एक दुर्लभ अवसर आया है – मां महालक्ष्मी की दो सबसे पवित्र तिथियों पर उनकी विशेष पूजा का। ये तिथियां हैं – शरद पूर्णिमा और इसके ठीक 14 दिन बाद दीपावली अमावस्या।
शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का बड़ा महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस रात में चंद्रमा सबसे तेज प्रकाश देता है और आसमान से अमृत बरसता है। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर उतरती हैं और भक्ति भरे घरों में प्रवेश कर आशीर्वाद देती हैं। इसे अमृत और समृद्धि की रात भी कहा गया है। इसके बाद आती है दीपावली की अमावस्या – मां लक्ष्मी की उपासना का सबसे बड़ा दिन।
✨ इस अंधेरी रात को दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है और पूरे वर्ष दरिद्रता से राहत और सौभाग्य की प्रार्थना की जाती है। इन दोनों अवसरों पर मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शक्तिशाली और फलदायी माना गया है। इस विशेष महापूजा में श्रीमंदिर के आचार्य पहले आपके नाम से शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र अंबाबाई मंदिर में पूजा करेंगे।
इसमें कमल पुष्प, मिष्ठान्न और सच्चे भाव से अर्पित की गई प्रार्थनाओं के द्वारा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मांगा जाएगा। इसके बाद, दीपावली अमावस्या की रात को, आपके नाम से पुनः पूजा की जाएगी, जिससे दिव्य कृपा और अधिक प्रबल हो जाएगी। 2 पवित्र तिथियों पर किए गए इस अनूठी महापूजा से मां लक्ष्मी की निरंतर कृपा प्राप्त होती है। यह साधना जीवन में लगातार धन, सफलता और सौभाग्य लाने का एक दिव्य उपाय है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष अवसर आपको यह तय करने का मार्ग दिखाता है कि मां महालक्ष्मी का आशीर्वाद आपके घर-परिवार में स्थायी सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य लेकर आए।