✨वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि दोष विशेषकर ढैय्या और साढ़ेसाती — जीवन में देर-सबेर, रुकावटें, तनाव, आर्थिक दबाव, मन का टूटना, और यह भावना लाते हैं कि मेहनत करने के बाद भी काम आगे नहीं बढ़ रहा। कई लोग इस समय अचानक डर, संबंधों में तनाव, करियर में रुकावट या बार-बार असफलता जैसी स्थितियों से गुजरते हैं। ऐसा महसूस होता है कि हर कदम किसी अदृश्य बाधा से टकरा रहा है। इस भारी समय से राहत पाने के लिए भक्त भगवान श्री शनि देव और भगवान श्री हनुमान की संयुक्त कृपा की शरण लेते हैं, क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमान जी की रक्षा शनि के कठोर प्रभाव को कम करती है और नए रास्ते खोलती है।
✨शास्त्रों में भगवान श्री शनि देव को न्याय देने वाले देवता बताया गया है, जो अनुशासन और आंतरिक मजबूती के माध्यम से जीवन की सीख देते हैं। भगवान श्री हनुमान को शनि की तीव्र दृष्टि से रक्षा करने वाला माना जाता है, जैसा कि उस सरल कथा में बताया गया है जहाँ हनुमान जी की अटूट भक्ति के सामने शनि देव अपना कठोर प्रभाव कम कर देते हैं। इन दोनों की संयुक्त कृपा उन लोगों के लिए वरदान मानी जाती है जो कर्मजनित चुनौतियों से साहस और स्पष्टता के साथ ऊपर उठना चाहते हैं। यह विशेष मन्नत महापूजा शनिवार (जो शनि देव और हनुमान जी दोनों को समर्पित है) को की जाती है, जिसका उद्देश्य मार्ग की बाधाओं को हटाना, शनि देव से संबंधित कठिनाइयों को कम करना और नए वर्ष के लिए आपके संकल्पों को मजबूत करना है।
यह पूजा आपके लिए है यदि आप:
🔸शनि से जुड़ी देरी, बार-बार रुकावट या धीमी प्रगति का सामना कर रहे हैं
🔸ढैय्या-साढ़ेसाती के दौरान दबाव, अनिश्चितता या भारीपन महसूस कर रहे हैं
🔸2026 के महत्वपूर्ण लक्ष्यों से पहले अपना जीवन-मार्ग साफ करना चाहते हैं
🔸शनि–हनुमान भक्ति के माध्यम से सुरक्षा, स्थिरता और आंतरिक शक्ति चाहते हैं
🔸एक सच्ची मनौती लेकर स्पष्टता के साथ आगे बढ़ने के लिए सहयोग चाहते हैं
✨श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन में की जाने वाली यह विशेष पूजा देरी को दूर करने, कठिनाइयों से रक्षा देने और दिल से की गई मनोकामनाओं की पूर्णता के लिए विनम्र प्रार्थना है, ताकि आप 2026 में अधिक शक्ति और आत्मविश्वास के साथ कदम रख सकें। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में सहभागी बनें और भगवान शनि देव व हनुमान जी की संयुक्त कृपा प्राप्त करें।
(आपको व्हाट्सऐप के माध्यम से एक गूगल फॉर्म भेजा जाएगा, जहां आप अपनी इच्छाएं लिखकर सीधे इस पूजा के जरिए भगवान तक पहुंचा सकते हैं। संकल्प के दौरान इन्हें आपके नाम के साथ शामिल किया जाएगा।)