🛕 शनि अमावस्या पर करें शनिदेव और माँ बगलामुखी की विशेष आराधना से पाएं शत्रु बाधा से मुक्ति और विजय का दिव्य आशीर्वाद🔥🙏
सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना जाता है, लेकिन इस बार का शनिवार विशेष रूप से शुभ और महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन शनिदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिव्य गोचर के साथ-साथ शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का दुर्लभ योग भी बन रहा है, जो इसे और अधिक शक्तिशाली बनाता है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, यह दिन माँ दुर्गा के उग्र स्वरूप, अर्थात 10 महाविद्याओं की आराधना के लिए भी अत्यंत शुभ है। इनमें विशेष रूप से आठवीं महाविद्या, माँ बगलामुखी का महत्व उल्लेखनीय है। शास्त्रों में वर्णित है कि माँ बगलामुखी को अद्भुत शक्ति प्राप्त है, जिससे वे शत्रुओं के मन और बुद्धि को नियंत्रित कर सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि अमावस्या के इस विशेष अवसर पर माँ बगलामुखी की आराधना करने से शत्रु पराजित होते हैं, बाधाएँ समाप्त होती हैं और हर प्रकार के संकट से सुरक्षा प्राप्त होती है।
मान्यता है कि यदि माँ बगलामुखी की तांत्रिक विधि से विशेष पूजा की जाए, तो यह शत्रु बाधा निवारण, सरकारी कार्यों में सफलता, आर्थिक उन्नति और कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त करने में सहायक होती है। इसी प्रकार, न्याय के देवता शनिदेव की उपासना भी जीवन में शुभता लाने के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है। कहा जाता है कि शनिदेव को तिल व तेल अर्पित करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से शनिवार को तिल तेल से अभिषेक करना अत्यधिक फलदायी होता है। शनिदेव की कृपा और माँ बगलामुखी की विशेष उपासना करने से भक्तों को न केवल न्यायिक मामलों में विजय प्राप्त होती है, बल्कि जीवन की समस्त बाधाओं का भी समाधान संभव होता है। इसीलिए, शनिवार, शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दुर्लभ संयोग पर उज्जैन के माँ बगलामुखी मंदिर और श्री नवग्रह शनि मंदिर में माँ बगलामुखी तंत्र युक्त हवन एवं शनि तिल तेल अभिषेक का भव्य आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और शत्रु बाधाओं से मुक्ति, न्यायिक मामलों में सफलता तथा जीवन में शुभता और समृद्धि के लिए माँ बगलामुखी और शनिदेव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।