शिवजी को क्यों माना गया है सर्वोच्च उपचारक और कल्याणकारी देवता?
भगवान शिव को संहारक और पुनर्जन्म देने वाले देव के रूप में जाना जाता है, जो संपूर्ण सृष्टि को संतुलन में रखते हैं। वे केवल मृत्यु के अधिपति ही नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के सबसे बड़े उपचारक भी हैं। इसलिए कहते हैं शिव की साधना से हम न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती विशेष पूजा का उद्देश्य है कि इससे भगवान शिव के दिव्य उपचार को आमंत्रित कर दीर्घायु, सकारात्मक ऊर्जा और रोगों से मुक्ति की प्रार्थना की जा सके।
🕉️भगवान शिव एवं स्वास्थ्य के बीच है गहरा संबंध🙏
भगवान शिव को आयु, आरोग्य और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव वो नीलकंठ हैं, जिन्होंने समुद्र मंथन के समय हलाहल विष का पान किया और संपूर्ण ब्रह्मांड को बचाया। यह दर्शाता है कि उनकी साधना से विषाक्त विचार, नकारात्मकता, रोग और पीड़ा समाप्त हो सकती है। इसलिए शिव की अराधना रोगों से मुक्ति देने वाले माने गए हैं। इनकी अराधना न केवल स्वस्थ्य शरीर प्रदान करती है, बल्कि मानसिक अशांति, चिंता और अवसाद को भी दूर करती है। शिवजी के आशीर्वाद से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
साथ ही, इस पूजा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संपूर्ण कल्याण प्रदान करती है। जिन लोगों को बार-बार बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उनके लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है, क्योंकि यह शरीर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित कर रोगों को से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है। इसलिए, भगवान शिव के समर्पित दिन सोमवार को आयोजित होने वाली इस पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।