हिंदू धर्म में अमावस्या को कुंडली दोष निवारण और ईश्वर से जुड़ने का सबसे अनोखा दिन माना जाता है। माना जाता है कि यह दिन विशेष रूप से पितृ दोष, काल सर्प दोष और अन्य नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए बेहद प्रभावी है। इस अनुष्ठान में विशेष रूप से नाग देवता का पूजन शामिल होता है, जो जीवन में उत्पन्न होने वाली परेशानियों और बाधाओं को दूर करने में सहायक माने गए हैं। अमावस्या के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए त्र्यंबकेश्वर गोदावरी तीर्थ पर काल सर्प दोष पूजा का आयोजन हो रहा है। विद्वान मानते हैं कि इसे जीवन में आ रही बाधाओं और दैवीय अशांति को दूर करने के लिए किया जाता है।
काल सर्प दोष तब होता है, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रहों के बीच में राहु और केतु होते हैं। पुराणों में राहु और केतु को महादेव का परम भक्त माना गया है। इसलिए, इस दोष से जल्द राहत के लिए त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक भी किया जाता है। भगवान शिव के प्रिय अनुष्ठानों में रुद्राभिषेक को अहम स्थान दिया गया है, जिसमें अनेकों सामग्रियों से उनका अभिषेक होता है और जीवन के कष्टों से राहत पाने की प्रार्थना जुड़ी होती है। काल सर्प दोष से पीड़ित इंसान को भय, अशांति और अजीब सपने घेर लेते हैं, जिससे राहत पाने के लिए इस दिव्य आराधना का अवसर आ गया है। अमावस्या पर गोदावरी नदी के तट पर होने जा रहा यह अनुष्ठान इस महीने का सुनहरा अवसर है।
🕉️ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक की महिमा:
महाराष्ट्र स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में होने जा रहा यह रुद्राभिषेक भक्तों को मानसिक शांति और सफलता की सही दिशा दिखा सकती है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके लिए माना जाता है कि त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश यहां एक साथ निवास करते हैं। यहां महादेव का प्रिय अनुष्ठान रुद्राभिषेक किया जाएगा, जो उन्हें प्रसन्न करने की सबसे असरदार विधियों में शामिल है। रुद्राभिषेक में जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल जैसे द्रव्यों के साथ महादेव का अभिषेक किया जाता है। पुराणों के अनुसार, लंकापति रावण ने भी तीनों लोक की शक्ति पाने और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का सहारा लिया था।
🕉️ गोदावरी क्षेत्र में काल सर्प दोष निवारण पूजा:
त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र में काल सर्प शांति पूजा की पौराणिक मान्यता है, जो गोदावरी नदी के तट पर आयोजित की जाती है। पवित्र गोदावरी का जल आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाता है और कर्मों के सुधार के लिए खास वातावरण बनाता है। इस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों को डर कम होने, ग्रहों के दोष संतुलित होने और जीवन में स्थिरता और समृद्धि का अनुभव होता है। यह अमावस्या अनुष्ठान भक्तों को भगवान शिव की सुरक्षा और उनकी निर्भीक शक्ति का अहसास कराता है और काल सर्प दोष से मची उथल-पुथल शांत हो सकती है। यह तीर्थ स्वयं महादेव की शक्ति और गोदावरी की निर्मलता का प्रतीक है, जहां होने वाले सभी अनुष्ठानों का दर्जा बेहद अहम हो जाता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव की कृपा का अनुभव करें। साथ ही अमावस्या विशेष अनुष्ठान की शक्ति से काल सर्प दोष से राहत का आशीष पाएं।