🛕 सर्वपितृ अमावस्या पर प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर मोक्ष महायज्ञ और महा गंगा आरती का अवसर
🌿हिंदू धर्म में सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम दिन है, जिसे विशेष रूप से पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान अर्पित करने के लिए जाना जाता है। 100 साल बाद ऐसा ख़ास योग आया है, जब पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन, दोनों ग्रहण के साथ हो रहे हैं। इस दिन को पितृों के प्रति समर्पण और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगा संगम पर मोक्ष महायज्ञ और महा गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या पर किया गया श्राद्ध विशेष रूप से प्रभावी माना गया है, क्योंकि इस दिन पितरों की आत्माओं को शांति मिलती है और परिवार के कष्टों से राहत की दिशा मजबूत होती है। यह दिन मुख्य तौर पर पितृों का आशीर्वाद पाने और उन्हें सम्मान अर्पित करने का दिन है।
🪔 पितृ पक्ष की कथा:
पितृ पक्ष की कई कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक महाभारत काल से जुड़ी है। कर्ण के स्वर्ग जाने के बाद उन्हें स्वर्ग में सोने और आभूषण प्राप्त हुए, लेकिन भोजन नहीं दिया गया। कर्ण ने इंद्र से इसका कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि कर्ण ने जीवनभर दान तो किया, लेकिन अपने पूर्वजों को तर्पण और भोजन नहीं दिया। तब इंद्रदेव ने उन्हें पृथ्वी पर पितृों का श्राद्ध करने के लिए 15 दिनों का समय दिया। यही 15 दिन पितृ पक्ष या श्राद्ध कहलाते हैं। इसीलिए, जब श्राद्ध से जुड़ा अनुष्ठान कुंभ नगरी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हो रहा हो तो यह कहीं ज्यादा भव्य और फलदायी हो जाता है।
✨ त्रिवेणी संगम, प्रयागराज का पितृ पूजा और मोक्ष महायज्ञ जैसे आयोजनों के लिए बेहद धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह कुंभ नगरी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के मिलन स्थान के रूप में प्रसिद्ध है और इसे अत्यंत पुराणों में बेहद पवित्र माना गया है। मान्यता है कि यहां किए गए पिंडदान, तर्पण, मोक्ष यज्ञ और श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की दिशा मिलती है। त्रिवेणी संगम पर पितृ पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, परिवार में सौहार्द और पितृ दोष से राहत के दरवाजे खुलते हैं। यह स्थल पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
🍃 सर्व पितृ संगम मोक्ष महायज्ञ और महा गंगा आरती का आयोजन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर बेहद फलदायी माना गया है। इस महायज्ञ में पिंडदान, तर्पण और विशेष मंत्रों के माध्यम से पितरों को शांति और आशीर्वाद अर्पित किया जाता है। साथ ही महा गंगा आरती में विद्वानों द्वारा गंगा के पवित्र जल से माँ गंगा की आराधना की जाती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति का संचार बढ़ता है। कहते हैं कि इस अनुष्ठान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर-परिवार में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता की दिशा मिलती है।
श्री मंदिर द्वारा गंगा संगम पर भव्य सर्व पितृ मोक्ष यज्ञ अनुष्ठान में भाग लेने का स्वर्णिम अवसर हाथ से न जाने दें!