🔱 नवरात्रि के चौथे दिन कटरा तीर्थ में मां दुर्गा नव चंडी पूजन और हवन से पाएं बुरी नज़र से दैवीय सुरक्षा का आशीर्वाद
✨ ‘कटरा तीर्थ’ का नाम आते ही मन में जो एक छवि आती है, वह है माता का बुलावा, ऊंचे पहाड़ों पर लगे मैया के दरबार की रंग-बिरंगी झलकियां। इसी तलहटी में स्थित है दुर्गा जी का एक और मंदिर, जिसकी महिमा निराली है। यह है कटरा का नव दुर्गा मंदिर, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र माना गया है। यह मंदिर माता दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, जहाँ भक्त एक ही स्थान पर माँ शैलपुत्री से माँ सिद्धिदात्री तक सभी स्वरूपों की आराधना करते हैं। नवरात्रि में यहां किए जाने वाले अनुष्ठानों का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस शुक्रवार मां दुर्गा नव चंडी पूजन और हवन होने जा रहा है, जो जीवन में नकारात्मकता का जड़ से नाश करने की शक्ति रखता है।
🌺 मां दुर्गा नव चंडी हवन 🌺
नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा नव चंडी हवन एक अत्यंत शक्तिशाली अनुष्ठान है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। वेदों और पुराणों में वर्णित नव चंडी पाठ एवं हवन से जीवन में आ रही बाधाओं, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधाओं से राहत पाने की दिशा मिलती है। यह अनुष्ठान भक्तों के घर-परिवार में सुख, समृद्धि और शांति को बढ़ा सकता है। मां की कृपा से आत्मबल, साहस और मानसिक स्थिरता की प्राप्ति संभव है। भक्तों का विश्वास है कि चतुर्थी पर होने जा रहे इस पवित्र हवन से देवी की दिव्य शक्ति सीधे जीवन में उतरती है।
🪔 मां दुर्गा के नव चंडी स्वरूप नौ शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी पूजा नव चंडी हवन में की जाती है:
1. शैलपुत्री – स्थिरता और शक्ति की देवी हैं, भक्तों को उन्नति का आशीर्वाद देती हैं।
2. ब्रह्मचारिणी – तप, त्याग और साधना की प्रतीक हैं। भक्तों को जीवन जीने की नई दिशा देती हैं।
3. चंद्रघंटा – साहस और शांति की दात्री हैं। जीवन में बिना साहस के आगे बढ़ना संभव ही नहीं है।
4. कूष्मांडा – सृष्टि की जननी और ऊर्जा स्रोत हैं, जिनसे सफलता की सही दिशा मिल सकती है।
5. स्कंदमाता – मातृत्व, सुरक्षा और करुणा की देवी हैं। बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
6. कात्यायनी – विवाह, प्रेम और सौभाग्य की अधिष्ठात्री हैं। जीवन में प्रेम की दिशा तय करती हैं।
7. कालरात्रि – अंधकार और नकारात्मक शक्तियों की संहारक हैं, सकारात्मकता का संचार करती हैं।
8. महागौरी – शुद्धता, समृद्धि और सौंदर्य की प्रतीक हैं। इन तीनों की प्राप्ति उनकी कृपा से संभव है।
9. सिद्धिदात्री – सिद्धियों, ज्ञान और मोक्ष की देवी हैं, बिना ज्ञान के इंसान का पूरा जीवन अधूरा है।
🪔 नव चंडी हवन में इन नौ स्वरूपों की एक साथ आराधना कर महाशक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। श्री मंदिर द्वारा आयोजित नव चंडी पूजन और हवन में भाग लें और जीवन को नए बदलाव की दिशा दें!