🙏 कभी-कभी हम कितनी भी मेहनत करें, यहां-वहां रास्ता ढूंढें, जीवन में कोई अदृश्य बोझ हमें पीछे खींचता रहता है। यह बोझ हमारे पिछले कर्मों का हो सकता है, जिनकी हमें याद भी नहीं है या फिर नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव, जिन्हें हम देख नहीं सकते। ऐसे समय में मनुष्य असहाय और भयभीत महसूस करता है। कालाष्टमी वह पवित्र रात्रि मानी गई है, जब भगवान शिव के उग्र रूप श्री काल भैरव का प्राकट्य हुआ था। उन्हें काशी के साथ-साथ उज्जैन में भी रक्षक देव के रूप में पूजा जाता है। इस तिथि पर उनकी आराधना से शत्रु रक्षा, भय से राहत और नकारात्मक शक्तियों से निपटने का साहस मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी भक्त कालाष्टमी पर काल भैरव का स्मरण करते हैं, वह उनकी दिव्य शक्ति से सुरक्षित रहने का आशीष पाते हैं।
✨ यह अनुष्ठान उज्जैन के सिद्ध श्री काल भैरव मंदिर में होने जा रही है, जिसका पुराणों में प्राचीन और अतुलनीय महत्व बताया गया है। यह धाम भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित है, जो शत्रुओं और संकटों से रक्षा के लिए पूजे जाते हैं। यहां पर मदिरा चढ़ाने की एक अनूठी परंपरा है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। इसके अलावा, यह मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है और यह मान्यता है कि बिना काल भैरव के दर्शन के महाकाल के दर्शन अधूरे रहते हैं। जीवन में नकारात्मकता, पिछले कर्मों के बोझ और भय से परेशान लोगों के लिए यह साधना जीवन को एक नई दिशा देने की शक्ति रखती है।
✨ इसी आधार पर श्री काल भैरव महा अनुष्ठान संपन्न किया जाता है। यह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि 4 प्रहर चलने वाली साधना भी है, जो ‘महाकाल की नगरी’ उज्जैन की पवित्र भूमि पर होने जा रही है। चारों प्रहरों में 21 विद्वान ब्राह्मण पवित्र मंत्रों का जप करते हैं। इस अनुष्ठान के माध्यम से भक्त श्री काल भैरव से प्रार्थना करते हैं कि वे जीवन के रक्षक बनें, भय का नाश करें और हमें उन्हीं की तरह मुक्ति और साहस का सही मार्ग मिले।
✨ यही कारण है कि कालाष्टमी की रात अत्यंत शक्तिशाली मानी गई है — यह स्वयं भगवान काल भैरव के प्रकट होने का दिन है। इस दिन उज्जैन धाम में की गई उनकी उपासना भक्तों को अदृश्य नकारात्मकता से बचाती है, भय को दूर करती है और आगे बढ़ने का दिव्य साहस प्रदान कर सकती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित यह महापूजा रक्षक देव श्री काल भैरव का आशीर्वाद सीधे आपके जीवन में ला सकती है।