क्या जीवन में अचानक समय आपके खिलाफ चलने लगा है? हर योजना बार-बार टल रही है, मेहनत के बावजूद फल नहीं मिल रहा, या अनजाने भय और रुकावटें आपका पीछा नहीं छोड़ रही हैं? ऐसे विषम समय में केवल एक ही देवता हैं जो काल (समय) और ग्रहों की ऊर्जा को वश में कर सकते हैं वो हैं भगवान काल भैरव।
शनिवार और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से बन रहा “शनि विष योग” समय को असंतुलित कर देता है। यह योग न केवल कार्यों में विलंब और विघ्न पैदा करता है, बल्कि मानसिक तनाव, कानूनी उलझनों, व्यवसायिक रुकावटों और अचानक आई चुनौतियों का कारण भी बन सकता है। इस विष योग को शांत करने और काल के हर प्रभाव से रक्षा पाने का सबसे शक्तिशाली उपाय है काल भैरव विष योग शांति विशेष अनुष्ठान।
📿 इस दुर्लभ और शक्तिशाली अनुष्ठान का आयोजन काशी स्थित प्राचीन श्री काल भैरव मंदिर में किया जा रहा है। अनुष्ठान तीन प्रमुख चरणों में सम्पन्न होता है:
काल भैरव अष्टकम पाठ: भगवान भैरव की स्तुति के इन पवित्र श्लोकों से समय पर अधिकार प्राप्त करने और भय-रहित जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
शनि विष योग शांति पूजा: शनिवार और रोहिणी नक्षत्र से उत्पन्न नकारात्मक योग को शांत कर ग्रहों के दोषों को कम करने के लिए यह विशेष पूजा की जाती है।
तंत्रोक्त भैरव रक्षा हवन: तांत्रिक विधियों से सम्पन्न यह अग्नि अनुष्ठान एक शक्तिशाली रक्षा कवच बनाता है, जो समय, ग्रह और अदृश्य बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
यदि समय आपका साथ नहीं दे रहा, निर्णय लगातार गलत साबित हो रहे हैं, या जीवन में अचानक अवरोध और संकट आने लगे हैं तो यह अनुष्ठान आपकी राह में सुरक्षा और स्थिरता लाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
✨ काशी के इस शक्तिपीठ में संपन्न होने वाला काल भैरव विष योग शांति विशेष केवल पूजा नहीं, बल्कि एक दिव्य कवच है जो आपको समय की हर चुनौती से बचाता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित काल भैरव अष्टकम पाठ, शनि विष योग शांति एवं तंत्रोक्त भैरव रक्षा हवन अनुष्ठान में भाग लें और समय-संबंधित चुनौतियों से सुरक्षा पाने का आशीर्वाद प्राप्त करें।