🛕 नवरात्रि की शुरुआत मां काली की आराधना और महाहवन के साथ - पाएं मां का दिव्य आशीर्वाद
🪔 शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक बेहद पावन पर्व है, जो आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से नवमी - 9 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और अनुष्ठान किए जाते हैं। माना जाता है कि इन दिनों में देवी की आराधना से साधक को शक्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन का पर्व 21 हजार दक्षिण काली बीज मंत्र जाप और तंत्रयुक्त महाहवन का अवसर लेकर आया है। भक्तों के पास यह इस साल का सबसे शुभ और बड़ा मौका है, जिसे हाथ से न जाने दें।
📿इस अनुष्ठान में 21 हजार दक्षिण काली बीज मंत्र जाप किए जाएंगे, जो बेहद शक्तिशाली तांत्रिक अनुष्ठान है, जिसमें विद्वानों द्वाा मां दक्षिण काली के बीज मंत्र का 21,000 बार उच्चारण किया जाता है। यह जाप साधक के जीवन से नकारात्मक शक्तियों, शत्रु बाधाओं, भय और अदृश्य संकटों को दूर करने में सहायक माना गया है। मां दक्षिण काली को समय और मृत्यु पर नियंत्रण रखने वाली देवी माना जाता है और उनके बीज मंत्र का जाप साधक को अटूट साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की दिशा दिखाता है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से शत्रु नाश, सुरक्षा, मानसिक स्थिरता और जीवन में कठिनाइयों से राहत के लिए बेहद प्रभावी माना गया है।
🔔 नवरात्रि के पहले दिन शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकाता में यह अनुष्ठान होने जा रहा है, जो इसकी शक्ति और महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। यहां नवरात्रि प्रतिपदा पर तंत्रयुक्त महाहवन का विशेष आयोजन किया जाता है। यह हवन मां काली की तांत्रिक साधना का अत्यंत प्रभावी अनुष्ठान माना गया है। विद्वान पुरोहितों द्वारा वेद और मंत्रों के उच्चारण के साथ विशेष आहुतियाँ अर्पित की जाती हैं। माना जाता है कि इस महाहवन से साधक के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और अदृश्य संकट दूर हो सकते हैं। साथ ही, मां काली का आशीर्वाद प्राप्त कर साधक को आत्मबल, समृद्धि और जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति की दिशा प्राप्ति होती है।
🕉️ कोलकाता का शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, मां काली के 51 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख और प्राचीनतम तीर्थ है। माना जाता है कि यहीं देवी सती के दाहिने पैर की चार उंगलियाँ गिरी थीं, जिससे यह स्थान अत्यंत पावन और शक्तिशाली बन गया। यहां विराजमान मां काली की मूर्ति की बड़ी जीभ और विशिष्ट स्वरूप भक्तों के मन में गहन श्रद्धा जगाते हैं। मंदिर में दिव्य काल में पूजा-अर्चना, तंत्र साधना और महाहवन आयोजित किए जाते हैं।
🔱 श्री मंदिर द्वारा आयोजित नवरात्रि विशेष 21 हजार जाप और महाहवन में भक्त घर बैठे भाग ले सकते हैं।