🕉️ क्या आप अंदरूनी बेचैनी, बाधाओं या आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं? सोमवार अभिजीत मुहूर्त में भगवान शिव के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर किया गया महारुद्राभिषेक आपको स्थिरता, स्पष्टता और आध्यात्मिक संरक्षण की ओर ले जा सकता है। 🔱
भगवान शिव को करुणा और संहार दोनों के देवता के रूप में जाना जाता है। वे केवल त्रिलोक के स्वामी ही नहीं, बल्कि एक ऐसे देव हैं जो अपने भक्त की सच्ची भावना को तुरंत स्वीकार करते हैं। जिनके लिए बाहरी आडंबर नहीं, बल्कि श्रद्धा और आंतरिक समर्पण ही पर्याप्त है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई मनुष्य श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, तो समय के साथ उसे मानसिक शांति, आत्मिक मार्गदर्शन और जीवन में धीरे-धीरे आर्थिक संतुलन की अनुभूति होती है। शिव ऐसे देव हैं जो मौन रहकर भी अपने भक्त की हर बात सुनते हैं और जब सही समय आता है, उत्तर भी देते हैं।
सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष माना गया है। इस दिन यदि अभिजीत मुहूर्त जैसे शांत और संतुलित समय में पूजा की जाए, तो वह साधक के लिए और भी उपयुक्त हो सकती है। यह मुहूर्त दिन के मध्य लगभग 48 मिनट का वह विशेष काल होता है, जब ग्रहों की स्थिति संतुलन में होती है और मन अधिक सहजता से एकाग्र हो सकता है। ऐसे समय में की गई साधना, व्यक्ति को भीतर की उलझनों को समझने और शांति से समाधान खोजने का अवसर देती है।
इसी भाव के साथ, मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में इस सोमवार एक विशेष महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। यह ज्योतिर्लिंग शिव–शक्ति की समन्वित उपस्थिति का प्रतीक है और यहां की गई साधना को प्राचीन ग्रंथों में भी विशेष बताया गया है। श्री मंदिर द्वारा इस आयोजन में विधिपूर्वक महारुद्राभिषेक संपन्न किया जाएगा। यह अनुष्ठान भक्त के मन को गहराई से शांति का अनुभव करा सकता है और जीवन की उलझनों में कुछ स्पष्टता ला सकता है।
यह आयोजन विशेष रूप से उन लोगों के लिए सहायक हो सकता है:
🔹 जो बार-बार जीवन में रुकावटें महसूस कर रहे हैं।
🔹 जिन्हें मानसिक बेचैनी और तनाव की स्थिति रहती है।
🔹 जो आर्थिक समस्याओं या अस्थिरता से परेशान हैं।
यदि आप भी अपने जीवन में शांति, स्थिरता और शिव की उपस्थिति को अनुभव करना चाहते हैं, तो इस सोमवार अभिजीत मुहूर्त में ओंकारेश्वर महारुद्राभिषेक से जुड़कर भगवान शिव के दिव्य कृपा से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।