🕉️ जीवन की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं? पितृ पक्ष से पहले शिव आराधना का सुनहरा अवसर
ऐसे समय में दिल को एक स्थिरता और शांति की तलाश होती है। यही वह समय होता है, जब भगवान शिव हमारी परम मार्गदर्शक शक्ति बनते हैं, जो भय को दूर कर, शांति और संतुलन को पुनः स्थापित करते हैं। पितृ पक्ष से पहले आने वाला अंतिम सोमवार आध्यात्मिक शक्ति से भरा हुआ होता है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, इस दिन रुद्राभिषेक से न केवल मानसिक अशांति शांत मिलती है, बल्कि नकारात्मकता का नाश भी संभव है। सोमवार भगवान शिव के लिए पहले से ही पवित्र है, और जब यह दिन रुद्राभिषेक के साथ 11 हजार महामृत्युंजय मंत्र से जुड़ता है तो इसकी महिमा कई गुना बढ़ जाती है।
📿21 द्रव्यों के साथ विशेष रुद्राभिषेक:
इस दिन, श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर अंतिम 21 द्रव्य महा रुद्राभिषेक किया जाएगा। इस पवित्र पूजा में शिवलिंग पर 21 दिव्य पदार्थों से अभिषेक किया जाएगा, जिनमें शुद्ध जल, दूध, शहद, घी, गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, नारियल का पानी, गन्ने का रस और अन्य पदार्थ शामिल हैं। प्रत्येक द्रव्य का आध्यात्मिक महत्व है और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, धन, मानसिक शांति और नकारात्मकता से सुरक्षा का प्रतीक है।
🪙 पितृ पक्ष से पहले शिव आराधना:
रुद्राभिषेक के साथ 11,000 महामृत्युंजय मंत्रों का जाप किया जाएगा। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि पितृ पक्ष में कुछ अनुष्ठान शुभ नहीं माने जाते। इस अनुष्ठान में शामिल महामृत्युंजय मंत्र, भयमुक्त जीवन, दीर्घायु और आरोग्यता का आशीर्वाद देने के लिए जाना जाता है। जब यह मंत्र ओंकारेश्वर के पवित्र स्थल पर गूंजता है तो इसकी ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है। विधिवत किया गया यह अनुष्ठान हर श्रद्धालु के जीवन में ‘सुरक्षा कवच’ बन सकता है।
🌿यह सिर्फ एक पूजा नहीं, पितृ पक्ष से पहले भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का यह सबसे शुभ अवसर है, जिससे स्वास्थ्य, धन, शांति और बाधाओं से राहत मिल सकती है। जब ये द्रव्य और मंत्र शिव जी के धाम में एक साथ होते हैं तो उनकी ऊर्जा मंदिर से बाहर फैल जाती है, जो हर उस व्यक्ति के जीवन को छूती है, जो श्रद्धा से जुड़ता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय पूजा में शामिल हों और शिव जी की कृपा से जीवन में स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का आशीर्वाद पाएं।