✨ दीपावली का पर्व पूरे भारतवर्ष में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन उस पवित्र क्षण का प्रतीक है जब प्रकाश अंधकार पर विजय प्राप्त करता है और सकारात्मकता नकारात्मकता को दूर करती है। दीपावली के दिन घर-घर में दीप जलाए जाते हैं, माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है और वातावरण में आनंद, शुद्धता और आशीर्वाद का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य स्थायी रूप से बस जाते हैं। यहीं नहीं, दीपावली की रात, जो अमावस्या की पवित्र रात होती है, उसका भी महत्व अत्यंत गहरा है।
✨ यह वह समय होता है जब संपूर्ण ब्रह्मांड एक शांत और दिव्य ऊर्जा से भर जाता है। इसी अंधकारमयी रात में प्रकाश और ज्ञान का आवाहन किया जाता है, जो जीवन में नई शुरुआत और सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन प्रदोष काल, जो सूर्यास्त के बाद का पवित्र समय होता है, विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इसी समय मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और उन घरों में प्रवेश करती हैं जो स्वच्छ, प्रकाशमान और श्रद्धा से भरे होते हैं। इसीलिए दीपावली की रात दीप जलाना, घर को सजाना और माता का स्वागत करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
✨ मां की इसी दिव्य कृपा को साकार करने के लिए शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अंबाबाई में 101 श्री सूक्त पाठ एवं षोडशोपचार महालक्ष्मी पूजन का आयोजन किया जा रहा है। श्री सूक्त वेदों में वर्णित एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जिसमें देवी लक्ष्मी की महिमा, स्वरूप और कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है। जब श्रद्धा से 101 बार श्री सूक्त का पाठ किया जाता है, तो मां लक्ष्मी की ऊर्जा स्थायी रूप से जीवन में प्रवेश करती है। पूजा के दौरान षोडशोपचार विधि से देवी को 16 पूजन सामग्रियाँ जैसे दीपक, पुष्प, घी, धूप, और अक्षत अर्पित की जाती हैं। यह विधि मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय मानी जाती है और इसे करने से भक्त के जीवन में स्थायी सुख और समृद्धि आती है।
✨ऐसा माना जाता है कि इस विशेष पूजा से जीवन में केवल धन ही नहीं बढ़ता, बल्कि आठों प्रकार की संपत्तियों धन, वस्त्र, आभूषण, भूमि, पशुधन, धातु, मानव संसाधन और समग्र सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा न केवल आर्थिक स्थिरता देती है, बल्कि मानसिक शांति, पारिवारिक प्रेम और आत्मिक संतुलन भी लाती है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में सम्मिलित होकर मां महालक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में आठों प्रकार की संपत्तियों का आशीर्वाद पा सकते हैं।🪔