🪔 अयोध्या में दिवाली केवल एक त्योहार नहीं बल्कि भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन का पवित्र उत्सव है। यह प्रकाश का अंधकार पर, धर्म का अधर्म पर और आशा का निराशा पर विजय का प्रतीक है। अयोध्या का दीप महोत्सव विश्व के सबसे भव्य दीपोत्सवों में से एक है। इस वर्ष दीप महोत्सव का आयोजन प्राचीन राज द्वार मंदिर में किया जाएगा और पवित्र सरयू घाट पर भव्य आरती होगी। अयोध्या के घाटों और मंदिरों में 31,000 दीप जलाए जाएंगे, जिससे पूरा नगर दिव्य प्रकाश से आलोकित होगा। यह दृश्य केवल सुंदरता ही नहीं बल्कि भक्ति और आध्यात्मिक शक्ति का जीवंत प्रतीक है। जो लोग जीवन में साहस, स्पष्टता और आशीर्वाद की तलाश में हैं, उनके लिए यह अवसर भगवान श्री राम की कृपा को आमंत्रित करने का माध्यम बनता है। यह उत्सव आंतरिक अंधकार पर विजय पाने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का पवित्र समय है।
🙏 दिव्य कथा
श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या सदैव आध्यात्मिक प्रकाश का केंद्र रही है, विशेषकर दिवाली के समय। शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान श्री राम रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे, तो नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। यह दीप धर्म और प्रकाश की विजय का प्रतीक बने। आज भी हर वर्ष वही परंपरा दिवाली दीप महोत्सव के रूप में निभाई जाती है, जब सरयू नदी के तट और पूरे नगर में लाखों दीप जलाए जाते हैं।
🪔 क्यों लाखों भक्त इस उत्सव में भाग लेते हैं?
इस विशेष पूजा के दौरान श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर में 31,000 दीप भगवान श्री राम की आराधना में जलाए जाते हैं। इसके बाद पवित्र सरयू आरती होती है, जिसमें नदी के जल को दिव्य आशीर्वाद के रूप में अर्पित किया जाता है। दीप जलाना केवल एक अनुष्ठान नहीं बल्कि मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है। हर दीप एक प्रार्थना, एक आशा और एक कामना का प्रतीक होता है। जब आप दीप महोत्सव में भाग लेते हैं, तो आप केवल एक दीप नहीं जलाते, बल्कि अपने जीवन के मार्ग को प्रकाश और विजय से भर देते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा आपको भीतर के अंधकार को दूर करने और जीवन की चुनौतियों पर विजय पाने का आशीर्वाद देती है।