कन्या राशि के लिए वर्ष 2026 ऐसा माना जाता है, मानो जीवन धीरे से यह संकेत दे रहा हो कि अब कुछ पुरानी उलझनों को सुलझाने और अपनी दिशा को नए सिरे से व्यवस्थित करने का समय आ गया है। कई लोगों को यह वर्ष उस मोड़ पर ले जा सकता है जहां रिश्ते, परिवार का स्वास्थ्य और मन की स्थिरता एक साथ ध्यान खींचें। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सप्तम भाव में स्थित शनि विवाह, संबंधों और दाम्पत्य जीवन के निर्णयों में स्वाभाविक रूप से धीमापन ला सकता है। जिनका विवाह नहीं हुआ है, उन्हें देरी महसूस हो सकती है और जिनका विवाह हो चुका है, उन्हें जीवनसाथी के स्वास्थ्य, मूड या ऊर्जा में उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है।
परिवार के स्वास्थ्य को लेकर भी यह वर्ष थोड़ा संवेदनशील माना जाता है। बुद्ध ग्रह के परिपक्व प्रभाव के कारण कन्या राशि वाले व्यावहारिक होते हैं, पर ग्रहों की स्थिति कभी-कभी मानसिक बोझ या बार-बार सोच में फँसे रहने की प्रवृत्ति ला देती है। चालीस वर्ष के आसपास पहुंच चुके लोगों के लिए यह समय आध्यात्मिक खोज, गुरु मार्गदर्शन और भीतर उठते प्रश्नों को समझने की इच्छा बढ़ा सकता है। आर्थिक रूप से यह वर्ष पुराने कर्ज़ या लंबित दायित्वों को व्यवस्थित करने का अवसर भी लेकर आता है।
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शनि देव, भगवान शिव और सूर्य देव को समर्पित संयुक्त पूजा एक ऐसा अनुष्ठान माना जाता है जिसमें तीनों ही प्रमुख पक्षों को शामिल किया गया है। शनि देव से जुड़े तिल-तेल अभिषेक को परंपरागत रूप से संबंधों में दूरी, विवाह में देरी या अनावश्यक तनाव को शांत करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव का महामृत्युंजय जप परिवार, मन और जीवन की स्थिरता के लिए शुभ माना जाता है। सूर्य देव उपासना को वर्ष 2026 में कन्या राशि के लिए विशेष रूप से उपयोगी माना गया है क्योंकि यह आत्मविश्वास और स्पष्ट सोच को मजबूत करने में सहायक होती है। यह संपूर्ण अनुष्ठान काशी के पवित्र पंचरत्न मंदिर में संपन्न होने जा रहा है। आप इस पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग ले सकते हैं।