♍ ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि इस समय कन्या राशि पर कई गहरे प्रभाव एक साथ काम कर रहे हैं। शादी से जुड़े फैसलों पर शनि का दबाव महसूस होता है, काम और रिश्तों में बार–बार रुकावटें आती हैं, जिससे कर्ज भी बढ़ सकता है। 2026 में खासकर चालीस वर्ष से ऊपर के कई लोग एक तरह की आध्यात्मिक उलझन महसूस करते हैं, जहाँ मन यह पूछता है कि आगे किस दिशा में जाना है, क्या सही है और जीवन में स्थिरता कब आएगी।
धारणा है कि भगवान सूर्य आत्मबल, समझ और सही दिशा देते हैं, जबकि भगवान श्री विष्णु स्थिरता, संतुलन और जीवन का सही क्रम स्थापित करते हैं। यह माना जाता है कि जब इन दोनों देवताओं की संयुक्त पूजा की जाती है, तो मन साफ होता है, उलझनें हल्की होती हैं और रुकावटों से भरा रास्ता धीरे–धीरे खुलने लगता है। यह विशेष पूजा इसी आंतरिक संतुलन को वापस लाने का एक तरीका मानी जाती है।
♍ पुराणों में कई उदाहरण मिलते हैं जहाँ लोगों के जीवन में भ्रम, डर या असंतुलन बढ़ गया था और भगवान श्री विष्णु ने उन्हें सही राह दिखाई। समुद्र मंथन के समय देवताओं का तनाव हो या राजा सत्यव्रत का पूरी दुनिया के डगमगाने जैसा अनुभव, हर स्थिति में श्री विष्णु ने स्थिति को संभालकर समाधान दिया। इसी तरह भगवान सूर्य को वह देवता माना गया है जो मन की धुंध हटाकर भीतर की रोशनी जगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब जीवन अनियंत्रित लगने लगे, आर्थिक दबाव बढ़ जाए या मन दिशा भूल जाए, तब सूर्य की ऊर्जा भीतर ताकत, स्पष्टता और उद्देश्य का भाव वापस लाती है। यही कारण है कि जब शादी की देरी, पैसों की चिंता और आध्यात्मिक भ्रम एक साथ बढ़ जाते हैं, तब विष्णु–सूर्य की संयुक्त प्रार्थना विशेष प्रभावी मानी जाती है।
♍ काशी के प्राचीन पंच रत्न मंदिर में की जाने वाली इस पूजा में, भगवान श्री विष्णु से वैवाहिक सुख और ऋण से राहत की कामना की जाती है। वहीं भगवान सूर्य के सामने मन की राह से धुंध हटाने और स्पष्टता लौटाने की प्रार्थना की जाती है। विद्वान ब्राह्मणों द्वारा यह अभिषेक, तिलक सेवा और सूर्य–विष्णु स्तोत्रों का पाठ विधिवत संपन्न किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इन विधियों से शादी में लंबी देरी कम हो सकती है, कर्ज का दबाव हल्का हो सकता है और मन को एक नई दिशा मिल सकती है।
श्रद्धालु इस पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लेकर श्री विष्णु–सूर्यदेव के आशीर्वाद से जीवन में संतुलन, शांति और उम्मीद वापस ला सकते हैं।