♓ मीन राशि वाले 2026 में साढ़े साती के दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं। यह समय स्वास्थ्य में गिरावट, सिरदर्द, चिंता, अचानक तनाव और मानसिक थकान लाने वाला माना जाता है। राशिफल के अनुसार, यही ग्रह-प्रवेश वित्तीय स्थिति पर भी असर डालता है। व्यवसाय धीमा हो सकता है, लाभ अस्थिर रह सकते हैं, डील में देरी हो सकती है और लगातार मेहनत के बावजूद आत्मविश्वास कम हो सकता है। मीन राशि भावनात्मक होती है और स्वास्थ्य व व्यवसाय की यह दोनों चुनौतियाँ अगले साल उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी बन सकती हैं। इस ऑल-इन-वन पूजा में इन दोनों समस्याओं का समाधान किया जाता है।
♓ शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री शनि देव कर्म के दबाव और पिछले प्रयासों के परिणामों के रक्षक हैं। जब साढ़े साती तीव्र होती है, तो भक्त अपने शरीर और मन में अस्थिरता महसूस करते हैं। इसलिए मीन राशि के लिए शनि तिल-तेल अभिषेक की सिफारिश की जाती है ताकि तनाव, बाधाएँ और कर्म के बोझ से राहत मिल सके। उनके साथ पवनपुत्र भगवान श्री हनुमान खड़े हैं जिन्हें पारंपरिक रूप से साढ़े साती के समय शक्ति, साहस और अदृश्य नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए पूजा जाता है। हनुमान जी के आशीर्वाद से व्यक्ति मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता पा सकता है।
♓ 2026 में मीन राशि के जातकों के व्यवसाय में भी धीमी गति और अस्थिरता का सामना हो सकता है। राशिफल के अनुसार पेशेवर ग्राफ अस्थिर हो जाता है और स्थिरता कम हो जाती है। इसे संतुलित करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि व्यवसाय में स्थिरता आए, निर्णय लेने में स्पष्टता हो, नकदी प्रवाह सुधरे और वित्तीय अस्थिरता से सुरक्षा मिले। शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी का आशीर्वाद व्यावसायिक शांति लौटाता है और घटते धन की रक्षा करता है।
♓ यह विशेष पूजा तीनों दिव्य शक्तियों को एक साथ संरेखित करती है। शनि देव से कर्म संबंधी राहत, हनुमान जी से शक्ति और साहस, और मां लक्ष्मी से व्यवसाय सुरक्षा प्राप्त होती है। यही कारण है कि यह पूजा मीन राशि के लिए 2026 की चुनौतियों का सबसे उपयुक्त ऑल-इन-वन उपाय है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर मीन राशि वाले सुरक्षा, स्वास्थ्य, शक्ति और पेशेवर स्थिरता के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।