♎ तुला राशि के लोग हर हाल में संतुलन और शांति को महत्व देते हैं। उनका स्वभाव कोमल, न्याय प्रिय और रिश्तों को संतुलित रखने वाला माना गया है। जब आस-पास के लोग परेशान होते हैं, तो तुला जातक सबसे पहले इसे दिल में महसूस करते हैं। ज्योतिष अनुसार, आने वाला साल इन गुणों की परीक्षा ले सकता है—साझेदारी में दबाव बढ़ सकता है, गलतफहमियाँ हो सकती हैं, वित्तीय मामलों में सख्ती ज़रूरी होगी और कानूनी मामलों में धैर्य चाहिए होगा। तुला जैसी शांति-प्रिय राशि के लिए ये अस्थिर समय भावनात्मक थकान ला सकता है। इसलिए 2026 के राशिफल में बताए गए चुनौतियों से पहले ही आध्यात्मिक सहारा लेना शुभ माना गया है। इसी वजह से भगवान शनि देव, माँ महालक्ष्मी और देवी बगलामुखी की संयुक्त पूजा एक प्रभावी उपाय मानी जाती है।
♎ पुराणों में वर्णित है कि माँ महालक्ष्मी वहाँ संतुलन लाती हैं जहाँ आर्थिक अव्यवस्था बढ़ती है। उनकी कृपा से धन-सुरक्षा, बचत की रक्षा और अनावश्यक खर्च से बचाव मिलता है। देवी बगलामुखी, जिन्हें नकारात्मकता और भ्रम रोकने वाली महाविद्या कहा गया है, मन में चल रहे डर, कानूनी मामलों और शत्रुता को शांत करने के लिए पूजित होती हैं। उनकी स्तंभन शक्ति मुश्किल परिस्थितियों में साधक को मजबूती देती है। भगवान शनि देव अनुशासन, न्याय और स्पष्टता देते हैं, जिससे रिश्तों में आने वाला दबाव कम होता है।
♎ इस विशेष पूजा में भगवान शनि देव का तिल-तेल अभिषेक किया जाता है, जिससे रिश्तों का तनाव और कर्म का बोझ हल्का होता है। माँ महालक्ष्मी की पूजा धन-सुरक्षा, ऋण से बचाव और आर्थिक अनुशासन के लिए की जाती है। देवी बगलामुखी के 1100 मंत्र जाप के साथ उनकी पूजा होती है, जिससे कानूनी मामलों में साहस, शांति और सुरक्षा मिलती है। इन सभी अनुष्ठानों से तुला राशि वालों के जीवन में संरक्षण, स्पष्टता, शांति और आर्थिक स्थिरता आती है।
यह विशेष पूजा श्री मंदिर के माध्यम से आपके जीवन में संतुलन, सुरक्षा, और सकारात्मक ऊर्जा लाने का मार्ग बनती है।