♌ क्या आप आर्थिक दबाव, भावनात्मक अकेलेपन या लगातार चल रही कठिन परीक्षाओं से थक चुके हैं?
सिंह राशि के लिए शनि की ढैय्या 8वें भाव में होने से ऐसा गहरा अकेलापन आता है, जिसे ज्योतिष में भयंकर अकेलापन कहा गया है। जहां व्यक्ति खुद को समझा नहीं हुआ, असहाय और अत्यधिक दबाव में महसूस करता है। इसी समय पैसों में गिरावट, बढ़ते कर्ज और जीवन में कठिन बदलाव शुरू हो जाते हैं।
♌ वेदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शनि का सबसे चुनौतीपूर्ण चरण होता है—जहां रिश्ते, विवाह और आर्थिक स्थिरता सबसे ज़्यादा हिलती है। शास्त्र बताते हैं कि ऐसे समय में राहु देव जीवन के उतार-चढ़ाव शांत कर सकते हैं, सूर्यदेव जीवन में उन्नति और सफलता की दिशा दिखा सकते हैं। शनिदेव कर्मों के अनुसार शुभ फल प्रदान कर सकते हैं और मां लक्ष्मी पूरे साल के लिए धन-समृद्धि के बंद दरवाजे खोल सकती हैं।
♌ एक साथ यह पूजा मदद कर सकती है:
• ढैय्या की चुनौतियों को कम करने में
• अकेलेपन और मानसिक दबाव से राहत देने में
• भारी कर्ज और आर्थिक तनाव हटाने में
• राहु के 7वें भाव प्रभाव से विवाह की सुरक्षा में
♌ 2026 में शुभ फल पाने के लिए इन देवताओं की पूजा बेहद फलदायी मानी गई है:
शनि देव: शनि अनुष्ठान से ढैय्या के प्रभाव, मानसिक दबाव, कार्य में रुकावटों और आर्थिक समस्याओं से राहत मिल सकती है।
मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से कर्ज़ मुक्ति, धन की सुरक्षा और अनावश्यक खर्च को नियंत्रित करने की राह खुल सकती है।
राहु संबंधों और वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है, क्योंकि राहु 7वें भाव में है। उसकी शांति से रिश्तों में स्थिरता संभव है।
सूर्य देव समग्र कल्याण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास हेतु पूजित हैं। सिंह राशि के जातकों के पास इस संयुक्त महापूजा के माध्यम से सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का अवसर है। यह संयुक्त पूजा सिंह राशि को साहस, स्थिरता, रिश्तों में स्पष्टता, शनि दोषों से रक्षा प्रदान करने में सहायक मानी गई है। साल 2025 के कष्टों को नए साल से पहले अंत करने का यह दिव्य अवसर है, जिसे हाथ से न जाने दें।