🔄🌌 राहु-केतु गोचर 18 मई 2025: क्या यह आपके जीवन में परिवर्तन की घड़ी है?
18 मई 2025 को राहु और केतु महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन करेंगे। राहु मीन राशि से कुंभ राशि में जाएंगे, और केतु कन्या राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यह गोचर सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा। राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, जो हमारे जीवन में मानसिक भ्रम, चिंता, असफलताओं और दिशाहीनता का कारण बन सकते हैं। इसलिए, इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए हमें पहले से सतर्क रहना चाहिए और उचित उपायों को अपनाना चाहिए। यदि आप मानसिक भ्रम, चिंता या असफलताओं का सामना कर रहे हैं, तो इसे संयोग न समझें, क्योंकि राहु और केतु आपकी सोच और जीवन की दिशा को बहुत गहराई से प्रभावित करते हैं।
🙏 जब राहु या केतु जन्म कुंडली में खराब स्थिति में होते हैं, तो इनके प्रभाव इस तरह से दिखाई दे सकते हैं:
🔹 लगातार उलझन में रहना या मन में भ्रम होना
🔹 भावनात्मक अस्थिरता और चिंता बढ़ना
🔹 बहुत कोशिश करने के बावजूद बार-बार असफल होना
🔹 जल्दी में फैसले लेना या गलत निर्णय करना
🔹 कामों में रुकावटें आना और सही दिशा का न मिलना
ऐसे लक्षण भले ही छोटे लगें, लेकिन ये जीवन की गति और मानसिक संतुलन को गहराई से प्रभावित करते हैं। शास्त्रों में भगवान शिव को राहु-केतु की अस्थिर ऊर्जा को शांत करने वाला देवता माना गया है। रुद्राभिषेक मन की स्थिरता और आत्मबल देता है, जबकि राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा कर्मिक असंतुलन और ग्रहदोष से उत्पन्न बाधाओं को शांत करने में अत्यंत प्रभावी है। 18 मई 2025 का यह गोचर एक दुर्लभ ब्रह्मांडीय अवसर है, जो राहु-केतु की उथल-पुथल को संतुलित करने का शुभ समय लाता है। इस शुभ संयोग पर श्री मंदिर के माध्यम से पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में आयोजित विशेष पूजा में भाग लें और अपने जीवन में स्थिरता, स्पष्टता और आध्यात्मिक ऊर्जा को आमंत्रित करें।