🌑🙏 अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा के साथ काल भैरव यज्ञ से पाएं सुरक्षा का अटूट कवच 🕉️✨
अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह तिथि जहाँ एक ओर नकारात्मक शक्तियों के प्रबल होने के लिए मानी जाती है, वहीं दूसरी ओर सही साधना और उपायों द्वारा इन शक्तियों के शमन के लिए भी महत्वपूर्ण है। अमावस्या के दिन किए गए यज्ञ, पूजा और तपस्या अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। इसी शुभ अवसर पर श्री मंदिर द्वारा दो विशेष दिव्य अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। भगवान शिव की 108 बेलपत्र रक्षा पूजा तथा काल भैरव रात्रि रक्षा यज्ञ, हमारे सनातन धर्म में भगवान शिव को समस्त संकटों का नाश करने वाले और इच्छित वरदान देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है, जबकि उनके रौद्र रूप काल भैरव की आराधना से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा, भय और अनिष्ट शक्तियों से सशक्त रक्षा प्राप्त होती है।
🌿 108 बेलपत्र रक्षा पूजा का विशेष महत्व
यह पूजा भगवान शिव की कृपा और दिव्य संरक्षण प्राप्त करने का एक प्रभावशाली माध्यम है। शिव पुराण में उल्लेख है कि बेलपत्र से की गई पूजा से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होते हैं और उसके जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। 108 बेलपत्रों के साथ की गई यह विशेष साधना शिवभक्त को दिव्य ऊर्जा, मानसिक संतुलन और आत्मिक बल प्रदान करती है। यह पूजा उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है जो पारिवारिक कल्याण, मानसिक शांति और आध्यात्मिक प्रगति की आकांक्षा रखते हैं।
🌑 काल भैरव रात्रि रक्षा यज्ञ का प्रभाव
भगवान शिव के भैरव स्वरूप की रात्रिकालीन साधना यज्ञ की प्रभावकारिता को कई गुना बढ़ा देती है। काल भैरव की उपासना से साधक को भय से मुक्ति, अदृश्य संकटों से रक्षा और जीवन में साहस तथा आत्मबल की प्राप्ति होती है। श्री मंदिर द्वारा यह दिव्य यज्ञ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थल पर संपन्न किया जा रहा है, जहाँ शिव और भैरव की संयुक्त साधना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। यह रात्रि यज्ञ उन साधकों के लिए विशेष रूप से फलदायी है जो आर्थिक स्थिरता, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और ऊर्जावान जीवन की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
इस पुण्य दिन का लाभ उठाएं और अपने मन, शरीर और आत्मा को नकारात्मकता से कोसों दूर ले जाएं।🙏😇