क्या मंगल दोष बन रहा है आपके रिश्तों में बाधा? इस बड़े मंगल को करें मंगल शांति पूजा और पाएं प्रेम व स्थिरता का आशीर्वाद🔱
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह को ऊर्जा, पराक्रम, साहस और जीवन संघर्षों का प्रतीक माना गया है। जब यह ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो वैवाहिक जीवन में बाधाएँ, पारिवारिक असंतोष, विवाह में विलंब और मानसिक अशांति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में मांगलिक दोष शांति पूजा एक प्रभावशाली उपाय मानी जाती है, जो जीवन की चुनौतियों को शांत कर रिश्तों में सामंजस्य और स्थिरता प्रदान करती है। इस पूजा के साथ मंगल कुंजिका दान को भी अत्यंत पुण्यदायी और फलदायक माना गया है। ऐसा विश्वास है कि यह दान मंगल की शुभ ऊर्जा को आकर्षित करता है और जातक को संघर्षों से मुक्ति दिलाता है। मंगल के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान हनुमान की आराधना को सर्वोत्तम माना गया है।
भगवान हनुमान को मंगल ग्रह का अधिपति माना जाता है। उनकी पूजा से क्रोध और मानसिक अशांति कम होती है और जीवन में स्पष्टता व संतुलन आता है। इसीलिए मंगल दोष से मुक्ति और आंतरिक स्थिरता के लिए हनुमान उपासना को सर्वोत्तम उपाय माना गया है। आने वाला मंगलवार विशेष रूप से शुभ है, क्योंकि यह साल का आखिरी बड़ा मंगल है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से की गई पूजा से मंगल दोष दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथा के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही श्रीराम और हनुमान की पहली भेंट हुई थी, इसलिए इसे बड़ा मंगल कहा जाता है और यह दिन पूजा के लिए अत्यंत शुभ होता है। इसीलिए, इस पावन अवसर पर उज्जैन स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में मांगलिक दोष शांति पूजा और पीपल वृक्ष पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह पूजा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है जो विवाह संबंधी बाधाओं या मांगलिक दोष से प्रभावित हैं।
जानें इन विशेष अनुष्ठानों के लाभ:
मांगलिक दोष शांति पूजा जीवन में चल रहे संघर्षों को शमन करती है।
पीपल वृक्ष की पूजा ग्रहजन्य दोषों के निवारण के लिए की जाती है, क्योंकि पीपल को शास्त्रों में दिव्य और पवित्र माना गया है।
वहीं, मंगल दान कुंजिका का दान ज्येष्ठ मास में करना अत्यंत पुण्यदायी होता है, जिससे मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और व्यक्ति को वैवाहिक सुख व रिश्तों में सामंजस्य की अनुभूति होती है।
यदि आप भी अपने जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो साल के आखिरी बड़े मंगल पर श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लें और भगवान हनुमान और मंगल देव का आशीर्वाद प्राप्त करें।