🌑 बार-बार आ रही हैं अनचाही बाधाएं? इस अमावस्या, महादेव की कृपा से पाएं नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति और दुर्भाग्य का समाधान🙏
सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि आत्मशुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह वह रात्रि होती है जब साधना, मंत्रजप और भगवान शिव की कृपा से जीवन के अदृश्य संकटों, मानसिक तनावों और दुर्भाग्य की जड़ों को समाप्त करने का विशेष अवसर मिलता है। इसी उद्देश्य से श्री मंदिर के माध्यम से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में 11,000 महामृत्युंजय मंत्र जाप एवं शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। यह पवित्र ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है और भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
पौराणिक मान्यता है कि त्र्यंबकेश्वर वह पुण्यभूमि है जहाँ ऋषि गौतम की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गोदावरी नदी का अवतरण किया था, जिसे 'दक्षिण गंगा' के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल न केवल ज्योतिर्लिंगों में विशेष स्थान रखता है, बल्कि इसकी विशिष्टता इस बात में भी है कि यहाँ त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त ऊर्जा का वास माना जाता है। यही कारण है कि त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों की तुलना में अधिक फलदायी और आध्यात्मिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
इसी त्रिदेव ऊर्जा के साक्षात प्रभाव में, अमावस्या के दिन त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में 11,000 महामृत्युंजय मंत्र जाप एवं शिव रुद्राभिषेक का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में भगवान शिव का पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से रुद्राभिषेक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 11,000 बार महामृत्युंजय मंत्रों का जाप भी किया जाएगा। यह दिव्य आयोजन विशेष रूप से उन साधकों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है जो बार-बार बीमारियों, मानसिक तनाव, बुरी नजर या अदृश्य नकारात्मक शक्तियों से पीड़ित हैं।
इस पूजा से मिलने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
👉 बार-बार होने वाली बीमारियों और कमजोरी से राहत
👉 बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
👉 मन, शरीर और वातावरण का आध्यात्मिक शुद्धिकरण
आप भी इस विशेष पूजन में भाग लेकर भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन में सुख, शांति और सुरक्षा का अनुभव कर सकते हैं।