कभी-कभी हम पूरी मेहनत करने के बावजूद भी अपने काम में सफलता नहीं देख पाते। सफलता पास आती है, लेकिन अचानक बाधाएँ आ जाती हैं, संसाधनों की कमी हो जाती है या ध्यान बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में लगातार रुकावटें और संघर्ष थकान और चिंता बढ़ा देते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, सच्ची सफलता (सिद्धि) पाने के लिए तीन दिव्य शक्तियों का संतुलन जरूरी होता है। ज्ञान के लिए मां सरस्वती, जो सही दिशा दिखाती हैं। शक्ति के लिए भगवान गणेश, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं। और धन के लिए मां लक्ष्मी, जो हमारे प्रयास को बनाए रखते हैं। यदि इनमें से कोई एक भी शक्ति कम हो, तो आगे का रास्ता कठिन लग सकता है।
इसीलिए इन तीन दिव्य शक्तियों के आशीर्वाद के लिए त्रि-पूजा महायज्ञ महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ में आयोजित किया जा रहा है। यह पूजा गणेश, सरस्वती और लक्ष्मी के आशीर्वाद को सक्रिय करने के लिए की जाती है। धनतेरस का दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। पारंपरिक रूप से इस रात को दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। लेकिन केवल धन ही पर्याप्त नहीं है। इसे ज्ञान और शक्ति के साथ सुरक्षित रखना जरूरी है। इसी कारण गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की संयुक्त उपासना की जाती है। इससे जीवन में आने वाली समृद्धि बुद्धिमानी से उपयोग होती है और किसी दोष या बाधा से प्रभावित नहीं होती।
इस विशेष पूजा में गणेश सर्व सिद्धि पूजन, लक्ष्मी धन आकर्षण पाठ, और सरस्वती विद्यारंभ पूजा एक साथ की जाती हैं। गणेश पूजन नए कार्यों के मार्ग को साफ करता है। लक्ष्मी पाठ से धन और संसाधन जीवन में प्रवेश करते हैं। सरस्वती विद्यारंभ पूजा से बुद्धि, ध्यान और एकाग्रता मिलती है, जिससे इस समृद्धि का सही प्रबंधन किया जा सके और आलस्य या विलंब से बचा जा सके।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेने से जीवन में दिव्य आशीर्वाद का अनुभव होता है। अंधकार दूर होता है और जीवन में सफलता, ज्ञान और धन की ऊर्जा बनी रहती है।