अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग मेहनत तो बहुत करते हैं, लेकिन धन टिकता नहीं। कभी अचानक खर्च बढ़ जाते हैं, कभी कर्ज का बोझ बढ़ने लगता है। कुछ लोगों के जीवन में पैसा आता है, पर रुकता नहीं जैसे आता है वैसे ही चला जाता है। यह स्थिति तब भी बनी रहती है जब व्यक्ति ईमानदार और परिश्रमी हो। वैदिक दृष्टि से माना गया है कि इसका कारण केवल मेहनत की कमी नहीं, बल्कि लक्ष्मी ऊर्जा का असंतुलन और धन के रक्षक भगवान कुबेर की कृपा का अभाव भी हो सकता है। ऐसी आर्थिक अस्थिरता से राहत और संतुलन के लिए धनतेरस का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन दीपावली की शुरुआत का प्रतीक है और धन, वैभव और सुख-समृद्धि के आह्वान का समय होता है।
इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की संयुक्त पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि इस दिन धन की देवी और धन के रक्षक दोनों की एक साथ उपासना की जाती है। इस वर्ष शनिवार को पड़ने वाली धनतेरस पर मां कमला महाविद्या और भगवान कुबेर की आराधना के साथ एक विशेष धन-समृद्धि यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान उन लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है जो कर्ज, खर्च या अस्थिर आय से परेशान हैं। मां कमला महाविद्या, देवी लक्ष्मी का तांत्रिक स्वरूप मानी जाती हैं। वे केवल धन देने वाली नहीं, बल्कि उसे स्थिर रखने और संतोष प्रदान करने वाली शक्ति हैं। कहा गया है कि उनकी कृपा से धन धर्म के अनुरूप रहता है और जीवन में संतुलन आता है।
वहीं भगवान कुबेर को देवताओं का कोषाध्यक्ष माना जाता है और वे धन की सुरक्षा व वृद्धि के प्रतीक हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब माँ कमला और भगवान कुबेर की संयुक्त पूजा की जाती है, तो यह आर्थिक संतुलन और स्थायी समृद्धि का प्रतीक बनती है। इसी दिव्य कृपा को आमंत्रित करने के लिए धनतेरस के शुभ अवसर पर माँ महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर में किया जाने वाला यह विशेष पूजन व्यक्ति को अपने जीवन में आर्थिक अनुशासन, स्थिरता और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
✨ 🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष मां कमला-कुबेर अनुष्ठान से जुड़ें और अपने जीवन में स्थायी समृद्धि और आंतरिक संतुलन का अनुभव करें।