🙏 कई बार कड़ी मेहनत और प्रयासों के बावजूद भी आर्थिक शांति और स्थिरता नहीं मिल पाती। स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं भी जीवन की शांति को कम कर देती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि ये परेशानियां कई बार उन अदृश्य बाधाओं के कारण होती हैं जो दिव्य कृपा के मार्ग को अवरुद्ध कर देती हैं। इन्हें दूर करने और जीवन में समृद्धि का स्वागत करने के लिए हम धनतेरस के दिन संपत्ति की देवी मां लक्ष्मी और स्वर्ग धन के रक्षक भगवान कुबेर की शरण में जाते हैं। यह वही समय होता है जब उनके आशीर्वाद को पाना सबसे आसान और प्रभावशाली माना गया है।
🪔 धनतेरस का दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के समुद्र मंथन से प्रकट होने की पावन स्मृति को समर्पित है। देवताओं और असुरों द्वारा किए गए इस मंथन से अनेक दिव्य रत्न प्राप्त हुए, परंतु उनमें से दो सबसे विशेष थे। सबसे पहले भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए, अपने हाथों में अमृत कलश लेकर, जिसमें अमरत्व का दिव्य अमृत भरा था। इसके बाद माता लक्ष्मी कमल पुष्प पर विराजमान होकर प्रकट हुईं और समृद्धि, सौंदर्य और धन का आशीर्वाद प्रदान किया। धनतेरस इसी दिव्य क्षण की याद में मनाया जाता है, जब स्वास्थ्य और धन दोनों की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।
🛕 तिरुनेलवेली स्थित पवित्र एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में इस विशेष धनतेरस पूजा में तीन महत्वपूर्ण अनुष्ठान एक साथ किए जाते हैं। लक्ष्मी कुबेर धन पूजा में धन के देवताओं को आमंत्रित किया जाता है ताकि घर में समृद्धि और संपन्नता आए। अमृत कलश पूजा भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद के लिए की जाती है जिससे रोगों से रक्षा और दीर्घायु प्राप्त हो सके। अंत में महालक्ष्मी सहस्रनाम अर्चना में मां लक्ष्मी के एक हजार पवित्र नामों का जाप किया जाता है, जिससे वातावरण में दिव्य ऊर्जा फैलती है और उनका स्नेहपूर्ण आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है।
🌺 आप श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष धनतेरस पूजा में भाग लेकर धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के दिव्य आशीर्वाद को अपने जीवन में आमंत्रित कर सकते हैं।