🙏 ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का काफी महत्व होता है, क्योंकि इन्हीं ग्रहों के कारण व्यक्ति के जीवन में खुशियां और परेशानियां आती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सभी ग्रहों में राहु को सबसे खतरनाक और सक्रिय ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह जीवन में बहुत सारी परेशानियां लेकर आता है, और जिस भी कुंडली में राहु युति करता है, उस कुंडली में अप्रत्याशित प्रभाव देना शुरू कर देता है। इस से पीड़ित इंसान को कई तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राहु के नकारात्मक प्रभावों से व्यक्ति के जीवन में मानसिक अस्थिरता, भय और चिंता जैसी कई तरह की रुकावटों का सिलसिला लगा रहता है। इसलिए, राहु शासित नक्षत्र शतभिषा और एकादशी काल में 18 हजार मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन का आयोजन होने जा रहा है, जो जीवन को सही दिशा दे सकता है।
🙏 ज्योतिष शास्त्र में राहु के अशुभ असर से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिसमें राहु मूल मंत्र जाप भी है। यह भी कहा गया है कि राहु की अशुभता से राहत पाने के लिए भगवान शिव का भी ध्यान करना चाहिए, क्योंकि राहु भगवान शिव के भक्त हैं। इसके अलावा राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र में अगर इस ग्रह की पूजा की जाए है तो इसके नकारात्मक प्रभाव में कमी आ सकती है। कुंडली में राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप भी बेहद असरदार माना जाता है। इसलिए, राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र में 18,000 राहु मूल मंत्र जाप के साथ सुर्शन हवन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय परम्पराओ में इस हवन का बड़ा महत्व है।
🙏 साथ ही देवउठनी एकादशी के शुभ संयोग में होने जा रहा सुदर्शन हवन, भगवान विष्णु के दिव्य चक्र ‘सुदर्शन’ को समर्पित एक शक्तिशाली अनुष्ठान है। यह हवन जीवन से नकारात्मक ऊर्जाओं, भय, रोग और बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसमें पवित्र अग्नि में ‘ॐ श्री सुदर्शनाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए आहुति दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि सुदर्शन चक्र की दिव्य शक्ति व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षात्मक कवच बनाती है, जिससे शरीर, मन और घर दोनों शुद्ध होते हैं। यह एकादशी विष्णु जी के 4 माह बाद जागने का दिन है, जिसे चातुर्मास कहा गया है। इस दिव्य हवन से आत्मिक शांति, आरोग्यता और सौभाग्य का आशीष मिलता है।
इसलिए, राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र और एकादशी के संयोग में उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में होने जा रहे इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और सभी नौ ग्रहों के स्वामी की कृपा से बेहतर निर्णय क्षमता का आशीर्वाद पाएं।