🙏🪔 राहु के प्रकोप और पितृ दोष से राहत प्राप्ति के आशीर्वाद के लिए आप भी जुड़ सकते हैं इस संयुक्त अनुष्ठान से….
जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब इंसान पूरी मेहनत करने के बाद भी बार-बार असफलता, रुकावट और मन की उलझनों से घिरा रहता है। योजनाएँ अधूरी रह जाती हैं, रिश्तों में अनबन बढ़ जाती है और मन में बेचैनी बनी रहती है। ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि ऐसी स्थिति प्रायः राहु ग्रह की प्रतिकूलता और पितृ दोष के कारण हो सकती है। राहु की नकारात्मक ऊर्जा इंसान को भ्रम और असमंजस में डाल देती है, जिससे उसके फैसले कमजोर हो जाते हैं और अचानक बाधाएँ सामने आने लगती हैं। वहीं, पितृ दोष होने पर परिवार में लगातार असंतुलन, धन की रुकावट और मानसिक शांति की कमी बनी रहती है। दोनों ही परिस्थितियाँ जीवन को थका देती हैं और समाधान ढूँढने की आवश्यकता महसूस होती है।
पितृ पक्ष का समय ऐसा माना जाता है जब हमारी प्रार्थनाएँ सीधे पितरों तक पहुँचती हैं और वे संतुष्ट होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं पितृ पक्ष के दौरान बनने वाला आर्द्रा नक्षत्र का विशेष योग न केवल पितृ दोष की शांति के लिए, बल्कि राहु की नकारात्मक ऊर्जा से राहत पाने का भी श्रेष्ठ अवसर माना गया है। इसी पावन संयोग पर श्री मंदिर द्वारा एक संयुक्त अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में 18,000 राहु मूल मंत्र जाप पौड़ी स्थित प्राचीन राहु पैठाणी मंदिर में और 21,000 पितृ गायत्री मंत्र जाप सहित गंगा दूध अभिषेक हरिद्वार के पवित्र गंगा घाट पर संपन्न होगा। मान्यता है कि इस साधना से राहु की बाधक शक्तियाँ शांत होती हैं और पितरों की तृप्ति से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का पुनः प्रवाह स्थापित होता है।
यह अनुष्ठान उन सभी लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो लंबे समय से निर्णय लेने में कठिनाई, कामों में बार-बार अटकाव, आर्थिक अनिश्चितता या पारिवारिक कलह का सामना कर रहे हैं। पितृ पक्ष और राहु नक्षत्र का यह संयोग जीवन की जमी हुई परिस्थितियों को सहज बनाने और मन को स्पष्टता व शांति देने का एक दिव्य अवसर है। आप भी इस अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से सम्मिलित होकर राहु दोष और पितृ बाधाओं से राहत पा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब पितर प्रसन्न होते हैं और राहु की नकारात्मकता दूर होती है, तो जीवन में नई ऊर्जा, समृद्धि और संतुलन पुन: लौट सकता है।