🐍 सपनों में दिखते हैं साँप और मृत आत्माएँ? जीवन हो गया है अशांत? अमावस्या और केतु के दिन का दुर्लभ संयोग बन सकता है कालसर्प दोष शांति का दिव्य द्वार! 🔱
ज्योतिषियों के अनुसार, कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति को अक्सर साँपों और मृत आत्माओं से जुड़े सपने आते हैं। ऐसे जातकों को मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक कलह, नशे की लत, आर्थिक संकट, निर्णय में भ्रम और निरंतर भय जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी सात ग्रह राहु और केतु के मध्य स्थित होते हैं। इसे ज्योतिष में सबसे अशुभ ग्रह दोषों में गिना जाता है। विशेष बात यह है कि इस बार बुधवार और अमावस्या का दुर्लभ संयोग बन रहा है। बुधवार का दिन केतु को समर्पित माना गया है, और चूँकि कालसर्प दोष का संबंध राहु-केतु से है, इसलिए इस दिन किया गया शिव पूजन और दोष निवारण यज्ञ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
वहीं अमावस्या का दिन विशेष रूप से मानसिक शुद्धि, रहस्यमय शक्तियों और आत्मिक संतुलन से जुड़ा माना जाता है। जब यह दिन बुधवार के साथ संयोग करता है, तो यह कालसर्प दोष के शमन हेतु एक अत्यंत शुभ अवसर बन जाता है। इसी दुर्लभ संयोग को ध्यान में रखते हुए, प्रयागराज के प्राचीन नाग वासुकी मंदिर में कालसर्प दोष शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि नाग वासुकी मंदिर में अमावस्या के दिन यह पूजा करने से भय, भ्रम और मानसिक अस्थिरता दूर होती है तथा व्यक्ति को आत्मबल और मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय मंदराचल पर्वत को रस्सी बनाकर वासुकी नाग का उपयोग किया गया था। घर्षण के कारण उनके शरीर में अत्यधिक जलन उत्पन्न हुई। इस पीड़ा से राहत पाने के लिए वे भगवान विष्णु और भगवान शिव की शरण में पहुँचे। देवों ने उन्हें प्रयागराज जाकर सरस्वती के जल का पान करने और गंगा तट पर विश्राम करने की सलाह दी। वासुकी जी ने वैसा ही किया और उन्हें शांति की अनुभूति हुई। इसके पश्चात देवताओं ने उनसे अनुरोध किया कि वे इसी स्थान पर रहकर मानवों के कष्टों का निवारण करें। वासुकी नाग ने यह प्रार्थना स्वीकार कर ली और तभी से यह मंदिर कालसर्प दोष से मुक्ति का एक दिव्य स्थान माना जाने लगा।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दुर्लभ संयोग में इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव की कृपा से कालसर्प दोष से मुक्ति पाएं।