🔱 आज के समय में बार-बार बीमार पड़ना या अंदर से कमजोर रहना आम बात हो गई है। ऐसी समस्याएं मन और सोच पर भी अपना असर डालती हैं और हमें थका हुआ महसूस कराती हैं। अगर आप भी ऐसी कठिनाइयों से राहत पाने का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो सनातन धर्म में ही इसका उपाय बताया गया है। भगवान शिव को ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ऊर्जा माना गया है, जो नकारात्मकता को दूर करते हैं और इंसान को सही दिशा दिखाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव की भक्ति सच्चे मन से की जाती है तो उनकी कृपा से जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियां भी आसानी से दूर होने लगती हैं।
🔱 महादेव की कृपा से बीमारियां कम होती हैं, मन शांत रहता है और जीवन में सुरक्षा बढ़ती जाती है। इसलिए, कहा जाता है कि उन्हें प्रसन्न कर अच्छा स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिल सकता है। जीवन में कभी-कभी ऐसा समय भी आता है, जब हम दुख, चिंता या मुश्किल हालात से गुजरते हैं। यदि इन उलझनों को समय रहते ठीक न किया जाए, तो ये शरीर और मन, दोनों को कमजोर कर देती हैं। इन समस्याओं से राहत के लिए श्री मंदिर द्वारा भगवान शिव के धाम में विशेष स्वास्थ्य और कुशलता पूजा-यज्ञ का आयोजन कर रहा है। यह पवित्र अनुष्ठान उत्तराखंड के श्री त्रियुगीनारायण मंदिर में संपन्न होगा, जिसे बेहद शक्तिशाली और पवित्र स्थल माना गया है।
🔱 भगवान शिव-गौरी के विवाह से जुड़ा है महत्व
त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के समीप स्थित एक प्राचीन और अत्यंत पवित्र मंदिर है। मान्यता है कि यहीं भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य विवाह हुआ था, जिसके साक्षी स्वयं भगवान विष्णु बने थे। मंदिर परिसर में आज भी ‘अखंड धूनी’ प्रज्वलित है, जिसे त्रेता युग से निरंतर जलती हुई माना जाता है। भक्त विश्वास रखते हैं कि इस धूनी की पवित्र ज्वाला से प्राप्त अग्नि, भस्म या राख से जीवन में सौहार्द, स्थिरता और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। यहां की पवित्र सरस्वती, गौरी और लक्ष्मी कुंड भी पापों का शमन और मन की शुद्धि देने वाले माने जाते हैं।
🛕 श्री मंदिर के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विशेष पूजा और यज्ञ में भाग लेने का अवसर हाथ से न जाने दें।