🤔अंतहीन संघर्ष और बुरे सपने - क्या काल सर्प दोष इसका कारण हो सकता है?
ज्योतिषियों के अनुसार, कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति अक्सर साँपों और मृत व्यक्तियों को अपने सपने में देखता है। उसे मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक विवाद, बुरी आदतों की लत, आर्थिक संकट, निर्णय लेने में कठिनाई और लगातार भय जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली के सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इसे ज्योतिष के प्रमुख ग्रह दोषों में गिना जाता है। चूँकि यह दोष राहु और केतु से संबंधित होता है, और ये दोनों ही भगवान शिव के भक्त माने जाते हैं, इसलिए मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा से यह दोष शांत हो सकता है। सोमवती अमावस्या, जब अमावस्या सोमवार को आती है, हिंदू पंचांग का एक अत्यंत पावन और दुर्लभ योग होता है। यह दिन भगवान शिव की उपासना और ग्रह दोष निवारण के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। इसीलिए इस सोमवती अमावस्या पर उत्तराखंड के पौड़ी में स्थित यह राहु पैठाणी मंदिर में कालसर्प दोष शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है।
🕉️ राहु पैठाणी मंदिर काल सर्प दोष निवारण के लिए अत्यधिक शक्तिशाली क्यों है? 🛕🙏
उत्तराखंड के पौड़ी में स्थित यह राहु पैठाणी मंदिर देश के उन दुर्लभ मंदिरों में से एक है, जहां भगवान शिव के साथ राहु की भी पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के समय असुर स्वरभानु ने देवताओं को धोखा देकर अमृत पी लिया था। जब भगवान विष्णु को इसका पता चला, तो उन्होंने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। अमृत के प्रभाव से उसका सिर 'राहु' और धड़ 'केतु' बना। कहा जाता है कि राहु का कटा सिर जहां गिरा, वहीं यह मंदिर स्थापित हुआ। इस मंदिर में कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष और राहु की महादशा जैसी ग्रह बाधाओं को शांत करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि यहां की गई पूजा राहु के अशुभ प्रभावों को दूर करती है और शिव की कृपा से जीवन में राहत मिलती है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लेकर ग्रह दोषों से मुक्ति पा सकते हैं।