🛑 पूर्णिमा के दुर्लभ संयोग में छिपी चमत्कारिक शक्ति कर सकती है आपके भी काल सर्प दोष का निवारण
अक्सर जीवन में ऐसी अनचाही-अनदेखी रुकावटें आ जाती हैं, जो काम तो बिगाड़ती ही हैं, साथ ही मन में भय और अशांति का वातावरण तैयार कर देती हैं। ऐसी मुश्किलों में इंसान यह तय नहीं कर पाता कि जो समाधान वह तलाश रहा है, वह उस समस्या पर प्रभावी है भी या नहीं? यदि आप इस तरह की मनोस्थिति से गुजर रहे हैं तो यह काल सर्प दोष के लक्षण हो सकते हैं। इन दोषों से राहत का आशीर्वाद आषाढ़ की पूर्णिमा पर आयोजित होने जा रहे दिव्य अनुष्ठान से पाया जा सकता है।
🕉️ क्या है काल सर्प दोष और राहु पैठाणी मंदिर में कैसे प्रभावी है भगवान शिव का रुद्राभिषेक?
काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आते हैं, तो काल सर्प दोष बनता है। इस दोष को ज्योतिष में सबसे अशुभ संरेखणों में से एक माना गया है क्योंकि इस से पीड़ितअक्सर सांपों और मृत व्यक्तियों के सपने देखते हैं, उन्हें मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक विवाद, बुरी आदतों की लत्त, वित्तीय संघर्ष, निर्णय लेने में कठिनाई और डर जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वह इंसान भय और अशांति में जीने लगता है, किसी भी समस्या का सही समाधान नज़र नहीं आता और वह प्रयास-सफलता के बीच के कठिन रास्ते पर भटकता रहता है।
माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है, क्योंकि राहु और केतु दोनों ही भगवान शिव के परम भक्त हैं इसलिए इस पूर्णिमा पर देव भूमि उत्तराखंड के श्री राहु पैठाणी मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा एवं शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। पूर्णिमा पर किया गया रुद्राभिषेक कई गुना फलदायी सिद्ध हो सकता है, इसलिए कुंडली दोषों के निवारण के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद लेने का यह सबसे सही समय है।
श्री मंदिर के माध्यम से उत्तराखंड के राहु पैठाणी मंदिर में पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आयोजित होने जा रहे इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद पाएं।