जीवन में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं जब हम बार-बार मानसिक तनाव, शत्रु बाधा, भय या अचानक समस्याओं का सामना करते हैं। कई बार यह कठिनाइयाँ सामान्य उपायों से दूर नहीं होतीं और व्यक्ति असहाय महसूस करता है। नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएँ इतनी जटिल हो सकती हैं कि उनका सामना अकेले करना मुश्किल लगता है। ऐसे समय में दिव्य सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए मां चामुंडा और काल भैरव की संयुक्त पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चामुंडा संहार शक्ति का प्रतीक हैं, जो जीवन की सभी बुरी और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं। वहीं, काल भैरव वह शक्ति हैं जो इस ऊर्जा को नियंत्रित और संचालित करती हैं। जब इन दोनों शक्तियों का आह्वान एक साथ किया जाता है, तो उनका संयुक्त रूप अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह जोड़ी भक्त के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, भय और शत्रु बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है।
विशेष रूप से शुक्रवार का दिन इस पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। शुक्रवार को शक्ति और भैरव की आराधना करने से पूजा का प्रभाव और भी प्रबल होता है। यह दिन न केवल सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक संतुलन और साहस लाने के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस पूजा में भक्त चामुंडा-भैरव सहस्रनाम अर्चना करते हैं, जिसमें माता और भैरव के हजार नामों का जाप किया जाता है। इसके बाद रक्त पुष्प हवन किया जाता है, जिसमें वीड़ा, घृत और लाल पुष्प का समर्पण करके नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की प्रार्थना की जाती है। इस अनुष्ठान से जीवन में शांति, साहस और मानसिक मजबूती प्राप्त होती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस चामुंडा-भैरव सहस्रनाम अर्चना एवं रक्त पुष्प हवन में शामिल होकर भक्त अपनी समस्याओं, मानसिक तनाव और नकारात्मक प्रभावों से राहत प्राप्त कर सकते हैं।