भारतीय परंपरा में विवाह केवल एक सामाजिक संबंध नहीं, बल्कि एक पवित्र और भावनात्मक रूप से गहरा बंधन माना जाता है। इसमें दो लोगों के साथ-साथ दो परिवारों का मिलन और जीवन के मूल्यों का संगम होता है। फिर भी, कई लोग विवाह में देरी, रिश्तों के टूटने या निर्णय लेने में असमंजस जैसी स्थितियों का सामना करते हैं। कुछ लोगों के जीवन में रिश्ता बनते-बनते रुक जाता है या बार-बार ब्रेकअप जैसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं, जिससे मन में निराशा और आत्म-संदेह पैदा होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ऐसी बाधाएँ अक्सर जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण आती हैं। बृहस्पति को विवाह, शुभ मुहूर्त और समझदारी से निर्णय लेने का कारक माना गया है। जब यह ग्रह कमजोर होता है, तो विवाह में रुकावट, विचारों में अस्थिरता और रिश्तों में तालमेल की कमी देखी जाती है।
ऐसे समय में केवल प्रयास करना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि आंतरिक और ग्रहों से जुड़ी रुकावटों को दूर करने के लिए एक आध्यात्मिक उपाय आवश्यक होता है। इसी उद्देश्य से काशी के श्री बृहस्पति मंदिर में विवाह आशीर्वाद पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस पूजा में विशेष वैदिक मंत्रों और यज्ञ के माध्यम से बृहस्पति ग्रह को शांत किया जाता है, जिससे विवाह से जुड़ी रुकावटें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। यह पूजा उन लोगों के लिए प्रभावी एवं फलदायी मानी जाती है जो बार-बार रिश्तों में असफलता, सगाई टूटने या सही जीवनसाथी मिलने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और गुरु बृहस्पति की कृपा से अपने वैवाहिक जीवन के मार्ग को संतुलन और स्थिरता की ओर ले जाएँ।