बच्चों की भलाई और खुशियों के लिए माता-पिता की मेहनत और प्यार कभी-कभी ही पर्याप्त होता है। फिर भी, कभी-कभी बच्चे स्वास्थ्य, पढ़ाई या अपने सही मार्ग को चुनने में अनजाने कठिनाइयों का सामना करते हैं। माता-पिता का दिल बेचैन रहता है और यह सोचता है कि यह कठिनाइयाँ क्यों आ रही हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पिछले कर्मों का प्रभाव या पितृ दोष हो सकता है, जो बच्चे को उसके सच्चे भाग्य का पूरा लाभ लेने से रोकता है। ऐसे अदृश्य अवरोध बच्चे की प्रगति और शांति में बाधा डाल सकते हैं। इन बाधाओं को दूर करने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता श्री संतान गोपाल की शरण ले सकते हैं। संतान गोपाल, भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप हैं, जो बच्चों की सुख-समृद्धि और रक्षा करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
उत्पन्ना एकादशी का दिन विशेष शक्ति रखता है। इस दिन की उत्पत्ति भगवान विष्णु ने उस समय की थी जब उन्होंने राक्षस मुरासुर का नाश किया था। यह दिन अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर विजय का प्रतीक है। इस पवित्र तिथि पर संतान गोपाल जप और पुत्र कामेष्टि हवन करने से आपके बच्चे पर इस दिव्य और संरक्षक ऊर्जा का प्रभाव आता है। जैसे भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों की रक्षा की, यह विधि आपके बच्चों के लिए भी वही दिव्य सुरक्षा लेकर आती है।
इस विशेष पूजा में संतान गोपाल मंत्र का 11,000 बार जप और पुत्र कामेष्टि हवन शामिल है। जप बच्चे के मन को स्थिर करता है और भगवान कृष्ण की कृपा से उनके मार्ग को साफ करता है। हवन में अग्नि के पवित्र तत्व के सामने समर्पित भक्ति अर्पित की जाती है, जिससे बच्चे का भविष्य स्वस्थ, बुद्धिमान और दुःख-मुक्त बन सकता है। यह पूजा गहरी श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाती है, जो दोषों को दूर करती है और उनके कल के लिए समृद्धि के बीज बोती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लेकर आप भी अपने बच्चों की खुशहाली, सुरक्षा और समृद्धि के लिए दिव्य आशीर्वाद की कामना कर सकते हैं।