✨सनातन धर्म में उत्पन्ना एकादशी वह पवित्र दिन है जब देवी एकादशी का प्रकट होना माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि देवी एकादशी पापों को नष्ट करने और धर्म की रक्षा करने वाली शक्ति हैं। इस व्रत को रखने से पुराने नकारात्मक कर्म हल्के होते हैं, मन शांत होता है और भक्ति बढ़ती है। यही कारण है कि इस दिन से एकादशी व्रत की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है।
✨ इसी दिव्य ऊर्जा और भक्ति को आगे बढ़ाते हुए, इस दिन सत्यनारायण कथा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सत्यनारायण कथा भगवान विष्णु की स्वयं कही हुई कथा है, जिसे उन्होंने नारद मुनि को सभी लोगों के कल्याण के लिए बताई थी। कहा जाता है कि कोई भी चाहे वह गरीब हो, मेहनत करने वाला साधारण व्यक्ति हो या राजा यदि वह श्रद्धा और विश्वास से यह कथा करता है, तो उसके जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी दूर हो सकती है। यह पूजा परिवार में सुख, शांति, समझ और समृद्धि लाने वाली मानी जाती है। इससे आर्थिक चिंता कम होती है और परिवार के सदस्यों में एकता बढ़ती है।
✨ इसीलिए इस पवित्र उत्पन्ना एकादशी पर मथुरा के प्राचीन दीर्घ विष्णु मंदिर में आपके परिवार के लिए दो महत्वपूर्ण पूजा विधियाँ की जाएँगी। पहले, सत्यनारायण कथा पढ़ी जाएगी और भगवान को प्रसाद अर्पित किया जाएगा, जिससे परिवार में स्वास्थ्य, शांति और सद्भाव आए। उसी समय नवग्रह शांति पूजा भी की जाएगी, जिससे ग्रहों के कारण आने वाली बाधाएँ शांत हों और जीवन से रुकावटें दूर हों। जब कथा और नवग्रह पूजा साथ होती है, तो भगवान विष्णु का आशीर्वाद और भी अधिक प्रभावी माना जाता है।
इस उत्पन्ना एकादशी पर श्री मंदिर के माध्यम से सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा में भाग लेकर अपने घर में शांति, सौभाग्य और समृद्धि का स्वागत करें। ✨