🌟 वैदिक ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सर्वोत्तम माना गया है और इसे बृहस्पति ग्रह का नक्षत्र कहा गया है। इस दिन बृहस्पति देव की आराधना विशेष फलदायी बताई गई है।
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किया गया जप, हवन और पूजन हजार गुना अधिक फल दे सकता है। देव गुरु बृहस्पति ज्ञान, धन, सौभाग्य के साथ-साथ राजनीति और सरकारी नौकरियों में सफलता का आशीष भी देते हैं। इसलिए, श्री मंदिर द्वारा पुष्य नक्षत्र में 16 हजार बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति संभव है।
🌟 सनातन में बृहस्पति देव को देवगुरु कहा गया है, जो ज्ञान, धर्म, संतान कल्याण और जीवन की समृद्धि के अधिष्ठाता हैं। जब बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को निर्णयों में भ्रम, शिक्षा और करियर में बाधा, संतान संबंधी परेशानियां और आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। ऐसे दोषों के निवारण के लिए 16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है। इस जाप से ग्रह दोष शांत हो सकते हैं और आत्मविश्वास और विवेक में वृद्धि संभव है। यूं तो बृहस्पति की आराधना गुरुवार को की जाती है लेकिन पुष्य नक्षत्र में विद्वानों द्वारा सुदर्शन हवन के साथ यह आयोजन संपन्न कराने की बड़ी मान्यता है।
🌟 इस अनुष्ठान में सुदर्शन हवन भी शामिल है, जो भगवान विष्णु के दिव्य अस्त्र सुदर्शन चक्र की आराधना का अनुष्ठान है। शास्त्रों में इसे अत्यंत शक्तिशाली और सुरक्षादायी यज्ञ माना गया है। यह हवन नकारात्मक शक्तियों, शत्रु बाधाओं, दुष्ट ग्रहों के प्रभाव और अदृश्य विघ्नों को दूर करने में सहायक हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, सुदर्शन चक्र दैवीय शक्ति का प्रतीक है, जो धर्म की रक्षा और अधर्म का विनाश करता है। इस हवन में मंत्रोच्चारण और आहुतियों के माध्यम से भगवान विष्णु से रक्षा, स्वास्थ्य लाभ और करियर में उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। राजनीति और सरकारी नौकरियों में किस्मत आजमा रहे लोगों के लिए यह अनुष्ठान फलदायी हो सकता है।
श्री मंदिर द्वारा सुदर्शन चक्र बृहस्पति गुरु कृपा विशेष अनुष्ठान में भाग लेने का स्वर्णिम अवसर हाथ से न जाने दें!